जबलपुर। मध्यप्रदेश में भीषण गर्मी का प्रकोप चरम सीमा पर है. पारा 43 डिग्री के पार पहुंच रहा है, जिसके चलते इतनी भीषण गर्मी पड़ रही है कि घर और बाहर उमस ही ही उमस है. घर के बाहर निकलते ही त्वचा झुलस जाती है और घर के भीतर भट्टी जैसी तपिश ने जन-मानस का जीना मुहाल कर दिया है. भीषण गर्मी का असर अब फसलों पर भी पड़ने लगा है, इसी के चलते तेज गर्मी से झुलसने के कारण फलों के राजा आम भी बीमार की चपेट में आ गए हैं. जिन्हें बचाने के लिए अब किसान तरह-तरह के प्रयोग कर रहे हैं. इस झुलसा देने वाली गर्मी से पूरा जन-जीवन बेहाल हो गया है.
तापमान के आगे सारे उपाय फेल: भीषण गर्मी के चलते फलों के राजा आम की फसल को इस बार भारी नुकसान पहुंच रहा है. आसमान से बरस रही आग में एक तरफ इंसान की मुश्किलें बढ़ाई हैं, तो दूसरी तरफ आम की पैदावार करने वाले किसानों को भी चिंता में डाल दिया है. जबलपुर में 43 डिग्री से ऊपर तापमान रहने के चलते आम की फसल पर खासा असर देखने को मिल रहा है. अचानक बढ़े पारे ने आम के पेड़ों पर लगे बौर को झुलसा दिया है. पेड़ की डालियों से कच्चे आम टूट कर जमीन पर गिरने लगे हैं. जिन आम के पेड़ों में बौर ने फल का रूप ले लिया था, वह पकने से पहले ही मुरझा गए हैं. इससे आम उत्पादकों के चहरे से खुशी गायब है.
पैदावार पर 50 फीसदी असर: विदेशी किस्मों के आमों को जबलपुर के वातावरण में पैदा करने वाले आम बगीचे के मालिक संकल्प परिहार बताते हैं, कि इस बार की गर्मी ने आम की फसल पर खासा असर डाला है. अप्रैल महीने में 40 डिग्री के ऊपर तापमान रहने की वजह से आम के पेड़ मुरझाने लगे हैं. फलों का आकार भी बेहद छोटा हो गया है और समय से पहले ही फल पीले पड़ने लगे हैं. आम की फसल को बचाने के लिए हर तरह के उपाय कर लिए, लेकिन भीषण गर्मी ने सारे उपायों पर पानी फेर दिया. संकल्प परिहार का कहना है कि इस बार आम की पैदावार में 50 फीसदी का असर देखने को मिलेगा. आम के बगीचे में लगे मल्लिका, आम्रपाली, ब्लैक मैंगो, अल्फांसो जैसे आठ विदेशी किस्म के आम हैं. इनमें मियाजाकी आम सबसे प्रमुख है, जिसकी कीमत लाखों में है.
लखटकिया 'मियाजाकी आम':संकल्प सिंह कहते हैं कि जापान का मियाजाकी आम दुनिया का सबसे महंगा आम है, यह जापान के मियाजाकी प्रांत में ही उगाया जाता है उसी के नाम पर इसका भी नाम 'मियाजाकी' है. लाखों में कीमत होने के कारण जापान में तो इसकी बोली लगाई जाती है, इसी के साथ भारतीय रुपयों में इसकी कीमत 2 लाख 70 हजार रुपये है. अब देश में भी इसे कई जगहों पर लोग इसे उगा भी रहे हैं.
ऐसा होता है 'मियाजाकी आम':'मियाजाकी आम' का वजन अधिकतम 900 ग्राम तक होता है, पकने पर यह हल्का लाल और पीला हो जाता है. इसकी खास बात यह है कि इसमें रेशे नहीं पाए जाते हैं और खाने में यह बहुत मीठा होता है. जापान में इस आम को संरक्षित वातावरण में पैदा किया जाता है, वहीं जापान मीडिया के मुताबिक 'मियांजाकी आम' दुनिया का सबसे महंगी प्रजाति का माना जाता है. बीते वर्ष अंतरराष्ट्रीय बाजार में मियाजाकी की कीमत ढाई लाख रुपए तक पहुंच गई थी.(World most expensive Miyazaki Mango)
आखिर क्यों खास है 'मियाजाकी आम':वैसे तो पूरी दुनिया में आम की 3000 से भी अधिक प्रजातियां है जिसमें कई आम बहुत ही खास होते है पर इन खास में से सबसे खास होता है 'मियाजाकी आम'. यह आम इसलिए भी खास है कि क्योंकि आम की कीमत लाखों में होती है, जबलपुर के संकल्प सिंह परिहार का बगीचा नांनाखेड़ा गांव में है, जहां उनके बगान की रौनक बढ़ा रहा है जापान का 'मियाजाकी आम'.