जबलपुर।संस्कारधानी में पुलिस की क्राइम ब्रांच सिर्फ कागज की शेर साबित हो रही है. गंभीर और सनसनीखेज अपराधों की जांच पड़ताल के लिए पुलिस विभाग में अलग से क्राइम ब्रांच को काम सौंपा है, लेकिन जबलपुर पुलिस की क्राइम ब्रांच सुविधाओं में आगे और नतीजों में फिसड्डी साबित हो रही है. यहां का 75 लोगों का स्टाफ सिर्फ 6 केस की जांच कर रहा है.
क्राइम ब्रांच की धीमी कार्रवाई पर उठ रहे सवाल, 75 का स्टाफ सिर्फ 6 केस की कर रहा जांच
जबलपुर पुलिस की क्राइम ब्रांच सुविधाओं में आगे और नतीजों में फिसड्डी साबित हो रही है और महीनों से बिना किसी कामयाबी के मात्र 6 केस में उलझी है.
जबलपुर पुलिस की क्राइम ब्रांच में कई पुलिसकर्मी लंबे अरसे से जमे हुए हैं, लेकिन उनके काम की समीक्षा नहीं की जा रही है.आंकड़े बताते हैं कि 75 के स्टाफ वाली क्राइम ब्रांच सिर्फ 6 अपराधों की जांच कर रही है लेकिन जबलपुर के एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा कहते हैं कि क्राइम ब्रांच अच्छा काम कर रही है.
पुलिस विभाग ने क्राइम ब्रांच के लिए अलग से आलीशान दफ्तर बनाया गया है, जहां सभी पुलिसकर्मियों की नियुक्ति है. बावजूद इसके क्राइम ब्रांच सिर्फ 6 अपराधों की जांच बीते कई महीनों से कर रही है, जिसमें से एक भी मामले में उसे सफलता नहीं मिल पाई है. इनमें जीसीएफ फैक्ट्री के वर्क्स जूनियर मैनेजर एससी खाटूआ हत्याकांड,त्रिपुर सुंदरी मंदिर में लाखों की चोरी की वारदात भी शामिल हैं.