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EWS आरक्षण नहीं देने पर कोर्ट ने जारी किया नोटिस, मांगा जवाब

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Published : Nov 9, 2021, 7:53 PM IST

Updated : Nov 9, 2021, 8:21 PM IST

जवाहर नवोदय विद्यालय में ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ नहीं दिये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

high court notice
EWS आरक्षण नहीं देने पर कोर्ट ने जारी किया नोटिस

जबलपुर। जवाहर नवोदय विद्यालय में ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ नहीं दिये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

EWS आरक्षण क्यों नहीं दिया

याकिचाकर्ता संतोष कुमार शुक्ला की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि वर्ष 2021-22 स्कूलों में दाखिले के लिए जवाहर नवोदय समिति ने विज्ञापन जारी किया था. विज्ञापन में स्कूलों में दाखिले के लिए एसटी-एससी वर्ग,महिलाओं, लड़कियों,दिव्यांगों आदि के लिए आरक्षण का उल्लेख किया गया था. विज्ञापन में ईडब्ल्यूएस आरक्षण का उल्लेख नहीं किया गया था. दाखिले में ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू किये जाने की मांग करते हुए उन्होंने समिति के समक्ष अभ्यावेदन पेश किया था. अभ्यावेदन पर कोई कार्यवाही नहीं किये जाने पर ये याचिका दायर की गयी है.

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याचिका में कहा गया था कि केन्द्र सरकार और लोकसभा ने 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू किया है. याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

गेहूं खरीदी में टेंडर का गड़बड़झाला

गेहूं खरीदी को टेण्डर जारी करने के बाद उसे निरस्त किये जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए रीवा सहित 16 जिलों में आवंटित किये गये गेहूं खरीदी के टेंडर पर रोक लगा दी है. युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिका पर अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद निर्धारित की गयी है।

कोर्ट ने जारी किया नोटिस

याचिकाकर्ता मेसर्स सोहम फूड प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाई कार्पोरेशन लिमिटेड ने रीवा सहित 16 जिलों में गेहूं खरीदी के लिए टेंडर आवंटित किये थे. याचिकाकर्ता को रीवा जिले का टेण्डर आवंटित किया गया था. जिसे बाद में रद्द कर फिर से टेण्डर आमंत्रित किये गये. टेण्डर रद्द किये जाने का कारण ये बताया गया था टेण्डर प्रक्रिया में वह एक मात्र भागीदार थे. इसके अलावा उन्होेने खरीदी मूल्य 1680 रूपये टेण्डर में दिये हैं.
याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि कॉर्पोरेशन द्वारा जो 15 टेण्डर जारी किये गये हैं उसमें भी एकमात्र प्रतिभागी थे. कार्पोरेशन द्वारा न्यूनतम मूल्य 1590 मूल्य निर्धारित किये गये थे,जबकि उसने उससे अधिक मूल्य का टेण्डर भरा था.

Last Updated : Nov 9, 2021, 8:21 PM IST

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