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CMO ने महिला डॉक्टर को दी जान से मारने की धमकी - मेडिकल अधीक्षक कार्यालय

जबलपुर मेडिकल कॉलेज में बुधवार को CMO ने मेडिकल की सहायक अधीक्षक को जान से मारने की धमकी दी है. इस घटना के बाद CMO को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

Netaji Subhash Chandra Medical College
नेताजी सुभाषचंद्र मेडिकल कॉलेज

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Published : Dec 30, 2020, 7:58 PM IST

जबलपुर।नेताजी सुभाषचंद्र मेडिकल कॉलेज में बुधवार उस समय हंगामा मच गया, जब CMO ने मेडिकल की सहायक अधीक्षक को जान से मारने की धमकी दी. CMO ने ये धमकी अधीक्षक कार्यालय में दी. इस पूरी घटना के गवाह अधीक्षक सिर्फ इस मामले में देखते रहे. फिर बाद में CMO को कारण बताओ नोटिस जारी कर मामले को शांत कर दिया गया.

क्यों हुआ विवाद

मेडिकल अधीक्षक कार्यालय में सहायक अधीक्षक, केजुएल्टी प्रभारी डॉ. रिचा शर्मा किसी मामले पर अधीक्षक राजेश तिवारी से बात कर रही थीं. उसी दौरान CMO डॉ. ताजदार चौधरी मौके पर पहुंच गए. एक नोटिस को लेकर वे महिला सहायक अधीक्षक से बहस करने लगे. देखते ही देखते CMO ने महिला डॉक्टर को जान से मारने की धमकी तक दे डाली.

मेडिकल अस्पताल की चिकित्सक व्यवस्था के तहत प्रत्येक अधिकारी को 15 दिन में कार्यालय में ड्यूटी करनी पड़ती है. लेकिन CMO लगातार इस ड्यूटी से गायब थे. इसको लेकर अधीक्षक ने CMO को नोटिस जारी किया था. अधीक्षक के नोटिस जारी करने पर CMO को लगा कि यह सब महिला सहायक अधीक्षक करा रही है. इसी बात को लेकर CMO ने भरे कार्यालय में सबके सामने महिला डॉक्टर को देख लेने की धमकी दी.

मेरी जान को खतरा है- जिम्मेदार होंगे CMO

मेडिकल कॉलेज की सहायक अधीक्षक रिचा शर्मा ने इस घटना के बाद अधीक्षक राजेश तिवारी से शिकायत की है. शिकायत पत्र में कहा गया है कि CMO से उनकी जान को खतरा है. जिस तरह से CMO धमकी देकर गए हैं, इससे महसूस हो रहा है कि उनके साथ कुछ भी हो सकता है. अगर ऐसा हुआ तो उसकी जिम्मेदारी मेडिकल प्रबंधन की होगी.

आपसी विवाद है- मेडिकल अधीक्षक
इस पूरे मामले में मेडिकल कॉलेज अधीक्षक राजेश तिवारी का कहना है कि आपसी बात को लेकर यह विवाद हुआ है. इसको लेकर CMO को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.उन्होंने भी माना कि शासकीय कार्यालय में इस तरह से CMO को बात नहीं करनी थी.

पहली बार हुआ है इस तरह का घटनाक्रम

सहायक अधीक्षक अरविंद शर्मा ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में इस तरह की घटना पहली बार हुई हैं. डॉक्टर के पद पर होते हुए एक महिला से इस तरह से बात करना ठीक नहीं था. इस संबंध में उच्चाधिकारियों को गंभीरता से विचार करना चाहिए.

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