जबलपुर। आयुष्मान उपचार योजना के तहत निर्धारित हॉस्पिटलों की सूची से नाम हटाये जाने के खिलाफ सिटी हॉस्पिटल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है, कि हॉस्पिटल का नाम हटाये जाने के कारण कैंसर पीड़ितों को कीमोथेरेपी से वंचित होना पड़ रहा है. हाईकोर्ट जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ ने जवाब पेश करने के लिए केन्द्र सरकार को दो सप्ताह का समय प्रदान किया है.
कैंसर पीडितों को नहीं मिल रहा उपचार, नाम हटाये जाने के खिलाफ सिटी हॉस्पिटल ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका - petition against deletion of names Jabalpur High Court
सिटी हॉस्पिटल ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा है कि हॉस्पिटल का नाम आयुष्मान उपचार योजना से हटाये जाने के कारण कैंसर पीड़ितों को कीमोथेरेपी से वंचित होना पड़ रहा है. दायर याचिका में कहा गया है कि केन्द्र सरकार की आयुष्मान योजना के लिए निर्धारित हॉस्पिटलों की सूची में उनका नाम शामिल था. इस पर कलपीठ ने केन्द्र सरकार के अधिवक्ता के आग्रह पर जवाब पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है.
दो सप्ताह में जवाब करना होगा पेश: सिटी हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था, कि केन्द्र सरकार की आयुष्मान योजना के लिए निर्धारित हॉस्पिटलों की सूची में उनका नाम शामिल था. आयुष्मान योजना के तहत उनके हॉस्पिटल में कैंसर पीड़ित लोगों का उपचार किया जाता था. कैंसर में उपचार के लिए कीमोथेरेपी दी जाती थी, जोकि उनके अस्पताल में उपलब्ध थी. याचिका में कहा गया था कि केन्द्र सरकार ने आयुष्मान योजना के लिए निर्धारित हॉस्पिटलों की सूची से उनका नाम हटा दिया है, एकलपीठ ने केन्द्र सरकार के अधिवक्ता के आग्रह पर जवाब पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय प्रदान किया है.
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