इंदौर। कोरोना महामारी के चलते पूरा इंदौर बंद है. रेड जोन में आने की वजह से इंदौर में सख्त लॉकडाउन लगाया गया है. मिनी मुंबई कहे जाने वाले इस शहर में पहली बार इतना सन्नाटा नजर आ रहा है. सड़कें सूनी पड़ी हैं. शहर के वो इलाके जो आम दिनों में भीड़-भाड़ से भरे रहते थे. वहां अब केवल खामोशी छाई है. इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा भीड़ रहती थी. लेकिन लॉकडाउन के चलते अब यहां जरूरी चीजें भी मुश्किल से मिल रही है.
लॉकडाउन में सब कुछ बंद, हजारों छात्रों से भरे रहने वाले भंवरकुंआ क्षेत्र में पसरा सन्नाटा
इंदौर के भंवरकुंआ क्षेत्र में इन दिनों सन्नाटा पसरा हुआ है. यहां शहर के बड़े-बड़े कोचिंग सेंटर थे, जहां हजारों छात्र हर दिन पढ़ने के लिए आते थे. लेकिन ये संस्थान बंद होने से छात्रों की पढ़ाई भी रुकी है और कई छात्र अभी यही फंसे हुए हैं.
इंदौर शहर के सबसे प्रमुख चौराहों में शुमार भंवरकुआं चौराहा लॉकडाउन के चलते सुनसान नजर आ रहा है. आम दिनों में भंवरकुआं चौराहे पर लगभग 40 हजार से अधिक छात्र दिन भर में आते जाते थे. क्योंकि इंदौर का ये क्षेत्र कोचिंग सेंटर के लिए मशहूर है. जबकि इसके आसपास प्रदेश के 2 सबसे बड़े शासकीय महाविद्यालय भी मौजूद है. जिनमें हजारों छात्र हर पढ़ाई करने आते थे. जबिक इसी क्षेत्र में सबसे ज्यादा हॉस्टल भी हैं. जिससे इस क्षेत्र में हर वक्त भीड़ रहती थी. लेकिन लॉकडाउन के चलते कई छात्र अब भी हॉस्टलों में ही रुके हैं.
फिलहाल भंवरकुंआ पर केवल अति आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में संलग्न वाहनों की आवाजाही ही देखी जा रही है. शहर के मुख्य स्थलों पर जाने के लिए यहां से रास्ते निकलते हैं. लेकिन लॉकडाउन से यहां सबकुछ बंद है. छाया है तो सिर्फ सन्नाटा. खास बात ये है कि लगातार लॉकडाउन से छात्रों की पढ़ाई भी रुकी हुई है, जबकि कई छात्र अभी भी यहां फंसे हैं जो अपने घर नहीं पहुंच पाए हैं.