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ग्रामीणों की गुहार पर गांव का मुआयना करने पहुंचे शिवराज सिंह, कमलनाथ को दी ये नसीहत - शिवराज सिंह चौहान

सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने अलग अंदाज के लिए जाने जाते हैं. ऐसा ही मामला एक बार फिर देखने को मिला जब एक किसान ने अपने गांव की समस्या शिवराज सिंह चौहान से सोशल मीडिया पर की तो वे उस गांव का निरीक्षण करने पहुंच गए.

शिवराज सिंह चौहान

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Published : Oct 20, 2019, 12:24 AM IST

इंदौर। इंदौर के एक किसान ने गांव की समस्याओं को सोशल मीडिया के माध्यम से दिखाया था. जब इस मामले पर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की नजर पड़ी तो वे गांव का निरीक्षण करने पहुंचे. जहां शिवराज सिंह चौहान ने ग्रामीणों से चर्चा कर संबंधित अधिकारियों को फोन लगवाकर गांव की समस्याओं का तत्काल समाधान करने की बात कही है.

शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि वे हमेशा किसानों की आवाज उठाते रहते हैं. उन्होंने कहा कि जब सोशल मीडिया के माध्यम से गांव की समस्या बताई तो जब जनता तकलीफ में है तो में यहा की स्थिति देखने आए थे. उन्होंने कहा कि यहां की सड़क स्थिति बहुत खराब है. इस सड़क की मरम्मत होना बहुत आवश्यक है. इसलिए सब के साथ मिलकर सड़क को ठीक कराने की बात कही है.

यह सरकार की जिम्मेदारी है. कि वे जनता की समस्या को समझे. लेकिन फिर भी वे इस समस्या को उठाने का काम करुगा. किसानों की हालत बहुत खराब है. सरकार इन्वेस्टर समिट करे. इसका मैंने पूरा समर्थन किया है. लेकिन पहले सरकार किसानों की समस्या पर ध्यान दे. किसानों की पूरी फसल खराब हो चुकी है और जो निकली है उसका सही भाव नहीं मिल पा रहा है.

शिवराज की नसीहत

अब तक फसलों का सर्वे तक नहीं हुआ
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अब कांग्रेस सरकार ने किसानों की फसलों का सर्वे तक शुरु नहीं किया है. ऐसे में किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. शिवराज सिंह ने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे तब हर किसान को उसका पूरा मुआवजा मिलता था. लेकिन इस सरकार में अधिकारी दबाव में काम कर रहे हैं. बीमा कंपनियों को भी दबाव में रखा गया है. यही वजह है कि किसान परेशान है.

मंत्रिमंडल पर नहीं सीएम का नियत्रंण
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सीएम कमलनाथ का अपने मंत्रिमंडल पर पकड़ ही नहीं है. कोई मंत्री पटवारियों को चिड़ाता है. तो कोई उन्हें समझाता है. सड़कों की तुलना इनके मंत्री नेताओं को गालों से करते हैं. लेकिन में कहना चाहता हूं कि किसी सड़कों की तुलना गालों से करने से अच्छा उन्हें सुधारने की कोशिश की जाए तो ज्यादा अच्छा होगा.

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