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EXCLUSIVE: गांधी जी पर अभद्र टिप्पणी करने वालों को गांधीवादी राजगोपाल पीवी का जवाब, कालीचरण बोले- मैं अपनी बात से नहीं पलटूंगा - ग्वालियर लेटेस्ट न्यूज

महात्मा गांधी पर संत कालीचरण महाराज और गांधीवादी विचारक राजगोपाल पीवी ने ईटीवी भारत के साथ अपने-अपने विचार सांझा किए है. आइए जानतें हैं गांधी जी को लेकर क्या है दोनों की सोच.

saint kalicharan maharaj on Gandhiji
गांधी पर टिप्पणी करने वालों को राजगोपाल पीवी का जवाब

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Published : Apr 15, 2022, 9:51 PM IST

इंदौर/ग्वालियर। महात्मा गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले संत कालीचरण महाराज और गांधीवादी विचारक राजगोपाल पीवी ने अपनी-अपनी राय दी है. ईटीवी से बात करते हुए दोनों ने अपने-एपने विचार प्रस्तुत किए, जहां कालीचरण महाराज ने गांधी के प्रति अपनी नफरत जाहिर की तो वहीं राजगोपाल पीवी ने गांधी के पद चिन्हों पर चलने की बात की है.

गांधी जी को लेकर अपनी-अपनी विचारधारा

गांधी की बात पर अडिग है कालीचरण महाराज:संत कालीचरण महाराज ने कहा कि गांधी ने गोविंद सिंह, छत्रपति शिवाजी और राणा प्रताप को पथभ्रष्ट कहा, जबकि इस राष्ट्र को एक किया और यदि गांधी सांप्रदायिक एकता की बात करते हैं तो वह ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि गांधी ने जबरदस्ती मुसलमानों को भारत में रोक लिया और वह बढ़कर अब जगह-जगह पाकिस्तान हो चुके हैं, इसका उदाहरण तब दिखता है जब भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच में भारत हारता है तो मुस्लिम क्षेत्रों में आतिशबाजी और पटाखे चलते हैं. ऐसे में अगर कभी भारत-पाकिस्तान युद्ध हुआ तो यह लोग भारत के लोगों का साथ देंगे या पाकिस्तान के लोगों का? यह बड़ा सवाल है इस पर हिंदुओं को विचार करना चाहिए. इसके साथ ही कालीचकण महाराज ने कहा कि गांधी को लेकर मैंने जो बात पहले कही थी मैं उस पर आज भी अडिग हूं, और अडिग ही रहूंगा चाहे मुझे फांसी दे दी जाए.

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गांधी को लेकर राजगोपाल पीवी की राय:प्रख्यात गांधीवादी विचारक राजगोपाल पीवी ने कहा कि जिस तरीके से पूरे देश भर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर अभद्र टिप्पणी और उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे की पूजा की जा रही है उस पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा है इस दुनिया में जो चल रहा है वह परमाणु बम और महात्मा गांधी के बीच की लड़ाई है, अगर इस देश से महात्मा गांधी को हटा दिया तो अस्त्र-शस्त्र बेचने वालों को कोई नहीं रोक सकता है. उन्होंने कहा कि दुनिया में गांधी जी के विचारों और आदर्शों को अनुसरण किया जाता है, जिस तरीके से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है उसमें कई लोगों की फोन आए तो उनका कहना था कि अब तो सिर्फ इस युद्ध में गांधी जी और भारतीय ही हमारे लिए एक रास्ता दिखा सकते हैं. पूरी दुनिया को समझ में आ रहा है कि गांधीजी की आवश्यकता है, लेकिन भारत के लोग भ्रम में है.

राजगोपाल पीवी ने कहा कि सोचने वाली बात है कि जब सरकार राष्ट्रीय गान, राष्ट्रीय पक्षी की रक्षा कर रही हैं तो राष्ट्र पिता की रक्षा करना भी उनकी जिम्मेदारी है, लेकिन सरकार यह सोच कर बैठी हो कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सिर्फ कांग्रेस के थे तो विनाश होने की वाला है.ृ

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