इंदौर। कोरोना महामारी के दौर में इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों में जारी लूट पर लगाम कसने के बाद अब शहर के निजी डायग्नोस्टिक सेंटर कोरोना की जांच और सिटी स्कैन के नाम पर वसूली करने में लग गए हैं. आरोप है कि इन सेंटरों में जांच का आलम ये है कि कमाई के लिए नेगेटिव मरीजों को भी कोरोना पॉजिटिव बताकर तरह-तरह की वसूली की जा रही है. हाल ही में इस तरह की शिकायतों के बाद जिला प्रशासन अब संबंधित डायग्नोस्टिक सेंटर के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी में है.
लंबे समय से कमाई की राह देख रहे इंदौर के ऐसे तमाम निजी डायग्नोस्टिक सेंटर अब कोरोना मरीजों के अलावा संभावित मरीजों से लूट का केंद्र बन चुके हैं. मार्च माह में जब प्रदेश में संक्रमण फैला तो राज्य सरकार के चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के पास मरीजों की जांच के सीमित संसाधन थे, लिहाजा राज्य सरकार ने इंदौर और भोपाल के कुछ चुनिंदा निजी डायग्नोस्टिक सेंटर को कोरोना जांच करने की अनुमति दी थी.
आरोपी है कि राज्य सरकार की अनुमति मिलते ही जांच की दरों का निर्धारण राज्य शासन के स्तर पर नहीं होने के कारण इन डायग्नोस्टिक सेंटर के संचालकों ने कोरोना जांच के नाम पर मार्च से लेकर अब तक मुंह मांगी राशि वसूली. ऐसी स्थिति में पीड़ित मरीज संक्रमण के डर से बड़े पैमाने पर इन सेंटरों की वसूली का शिकार हुए. अब जबकि कोरोना मरीजों के डिस्चार्ज होने की दर संतोषजनक है तो इन लैब में जांच कराने वाले मरीज जांच के नाम पर हो रही वसूली की शिकायतें भी कर रहे हैं.