इंदौर।कोरोना काल में छाई आर्थिक मंदी के बीच अब आम आदमी की थाली से दाल भी छिनती नजर आ रही है. अनलॉक के बाद भी लगातार दालों की कीमतों के आसमान छू रही है, जिसके चलते आम आदमी के घर का बजट बिगड़ गया है. प्रदेश में अत्यधिक बारिश के चलते एक तरफ हरी सब्जियों की खेती को नुकसान पहुंचा है, वहीं प्रदेश के अधिकतम हिस्सों में खाद्यान्न की फसलों को भी नुकसान पहुंचा है इसी के चलते दालों के भाव बढ़ गए हैं.
आसमान छू रहे दालों के भाव, सरकार ने जारी नहीं किए आयात लाइसेंस - Prices of pulses in Indore
कोरोना काल में छाई आर्थिक मंदी के बीच अब आम आदमी की थाली से दाल भी छिनती नजर आ रही है. अनलॉक के बाद भी लगातार दालों की कीमत आसमान छू रही है, जिसके चलते आम आदमी के घर का बजट बिगड़ गया है.
जानकारों की मानें तो भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के विदेश व्यापार निदेशालय के माध्यम से देश की दाल मिलों को तुवर और मूंग आयात करने की अनुमति अप्रैल में दी गई थी. बाद में सरकार ने इसे बढ़ाकर 30 अगस्त कर दिया था. इसके बावजूद भी सरकार ने अभी तक इस संबंध में लाइसेंस जारी नहीं किए हैं, जिसके चलते दालों की कीमत बढ़ गई है.
दालों की कीमत बढ़ने का दूसरा मुख्य कारण सरकार की आयात नीति है, जिसके कारण दालों का आयात नहीं हो सका. बता दें साउथ अफ्रीका से प्रतिवर्ष लगभग डेढ़ मेट्रिक टन तुवर और डेढ़ मीट्रिक टन उड़द दाल आयात होती थी, लेकिन अबही नहीं आ पाई है. इन हालातों में फिलहाल तुवर की दाल में 20 से 30 रुपए की बढ़ोतरी देखी जा रही है. यदि सरकार ने दाल को लेकर आयात लाइसेंस जारी नहीं किए गए, तो दालों की कीमत और बढ़ सकती है.