इंदौर।कोरोना महामारी के चलते देशभर में सरकार द्वारा लॉकडाउन लगाया गया था, लॉकडाउन के कारण प्रदेश के सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया था लेकिन अब शैक्षणिक संस्थानों को धीरे-धीरे खोला जा रहा है, ताकि शैक्षणिक सत्र को पटरी पर लाया जा सके. कुछ समय पहले राज्य शासन ने महाविद्यालय को शुरू करने के आदेश जारी किए गए थे, जिसमें महाविद्यालयों में शैक्षणिक कार्य को लेकर निर्देश दिए गए थे.
आज से ऑफलाइन क्लासेस शुरू आज से शुरू हुई महाविद्यालय में सभी कक्षाएं
राज्य शासन के आदेशों के बाद आज से प्रदेश भर में महाविद्यालयों में सभी कक्षाओं में अध्ययन कार्य शुरू हुआ है. बीते दिनों राज्य शासन द्वारा 20 जनवरी से महाविद्यालय में कक्षाओं के संचालन के आदेश जारी किए थे, राज्य शासन द्वारा तीन चरणों में कक्षाओं को लगाने के आदेश जारी किए थे, जिसमें 1 जनवरी से 10 जनवरी तक विज्ञान विषय की प्रैक्टिकल कक्षाएं 10 जनवरी से 20 जनवरी तक अंतिम वर्ष की कक्षाएं एवं 20 जनवरी से सभी कक्षाओं को सुचारु रूप से शुरू करने के निर्देश दिए गए थे.
पहले दिन पहुंचे कम संख्या में छात्र
उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक डॉक्टर सुरेश सिलावट के अनुसार शासन के निर्देशों के आधार पर आज से सभी महाविद्यालयों में सामान्य कक्षाएं शुरू की गई है. जिसमें प्रथम द्वितीय व अंतिम वर्ष के सभी छात्र ऑफलाइन माध्यम से पढ़ाई कर सकेंगे. महाविद्यालय शुरू होने के पहले दिन कम संख्या में छात्र पहुंचे हैं, हालांकि आने वाले दिनों में छात्रों की संख्या बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.
कोरोना गाइडलाइन के साथ 50% संख्या पर छात्र रहेंगे उपस्थित
डॉक्टर सुरेश सिलावट के अनुसार महाविद्यालय में कक्षाओं के संचालन के दौरान कोरोना गाइड लाइन का विशेष तौर पर पालन किया जाएगा. 50% संख्या के साथ छात्रों की उपस्थिति निर्धारित की गई है, साथ ही कक्षाओं को रोटेशन के आधार पर लगाया जाएगा. प्रथम दिन पहुंचने वाले 50% छात्र दूसरे दिन दूसरे चरण के 50% छात्र कक्षाओं में शामिल होंगे. कक्षा में छात्रों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा, इसके साथ ही बिना मास्क के कक्षाओं में प्रवेश नहीं दिया जाएगा.
माता-पिता की सहमति छात्रों के लिए अनिवार्य
महाविद्यालय में अध्यापन कार्य के लिए पहुंचने वाले छात्रों को अपने माता-पिता की सहमति लेकर महाविद्यालय पहुंचना होगा. माता-पिता की सहमति जिन बच्चों के पास नहीं होगी, उन्हें महाविद्यालय में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. वर्तमान में जो छात्र माता-पिता की सहमति लेकर पहुंच रहे हैं. उन्हें महाविद्यालय में अध्यापन कार्य के लिए प्रवेश दिया जा रहा है.