इंदौर।मध्य प्रदेश के कॉलेजों में रामचरित मानस के बाद अब भगवत गीता भी पढ़ाई जाएगी. उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि नई शिक्षा नीति 2020 के तहत द्वितीय वर्ष के छात्रों को भगवत गीता पढ़ाई जाने की तैयारी जोरों पर चल रही है. भगवत गीता को पाठ्यक्रम से जोड़ना बहुत ही अच्छा निर्णय है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पहले ही कॉलेजों में महाभारत की पढ़ाई शामिल की जा चुकी है. इसके अलावा 131 प्रकार के नए कोर्सों को शामिल किया गया है.
डीएवी में कार्यशाला का आयोजन:इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में एक कार्यशाला का आयोजन हुआ, जिसमें इंदौर संभाग के विभिन्न महाविद्यालय और उच्च शिक्षा शिक्षण संस्थानों के प्राचार्य और प्राध्यापक शामिल हुए. इन्हें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की जानकारी दी गई. वहीं आने वाले समय में शिक्षा नीति से छात्रों को किस तरह से फायदा होगा उसके बारे में भी विस्तार से बताया. (Workshop organized in DAV)
नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को पढ़ाई जाएगी भगवद् गीता इस बार लेट आएंगे दसवीं-बारहवीं का बोर्ड रिजल्ट, मई के दूसरे सप्ताह में आने की उम्मीद
देश का गौरवशाली इतिहास जानेंगे छात्र:सरकार ने नई शिक्षा नीति के जरिये छात्रों को देश के गौरवशाली इतिहास से रू-ब-रू कराने का फैसला लिया है. जिसके चलते कोर्स में माता अहिल्या, राजा विक्रमादित्य, राजा भोज जैसी महान हस्तियों और नायकों को अहम स्थान दिया जा रहा है. उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि बेहद जरूरी हो गया है कि आज की युवा पीढ़ी को इन धार्मिक ग्रंथों की महत्वता का पता चले.
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में कार्यशाला का हुआ आयोजन रोजगार उपलब्ध कराने पर फोकस:उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव (Higher Education Minister Dr Mohan Yadav) ने जानकारी देते हुए बताया कि, कौशल संवर्धन के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने के लिए इनक्यूबेशन सेंटर खोले जा रहे हैं. ताकि छात्रों की प्रतिभा को और अधिक बढ़ाया जा सके. वहीं उत्कृष्ट महाविद्यालय के जरिय विभिन्न क्षेत्रों में छात्रों को दक्ष करने के लिए भी लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. (Bhagvad Gita included in course) (MP new education policy 2020)