इंदौर।देश के सबसे स्वच्छ शहर में अधिकांश रूटों पर अब इलेक्ट्रिक बस, कार और दुपहिया वाहन दौड़ते नजर आएंगे. दरअसल, भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय के सहयोग से इंदौर नगर निगम और अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस द्वारा शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 120 चार्जिंग प्वाइंट स्थापित किए जा रहे हैं, जिनसे शहर के किसी भी इलाके में इलेक्ट्रिक वाहन तत्काल चार्ज होकर फिर सड़कों पर दौड़ सकेंगे.(electric vehicle charging point in Indore)
इंदौर ने मारी बाजी:प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर में बीते तीन सालों से इलेक्ट्रिक ट्रांसपोर्ट और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर फोकस किया जा रहा है, इसी क्रम में प्रदेश शासन ने भी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पॉलिसी जारी की थी. लिहाजा इंदौर ने सबसे पहले उन पांच शहरों में बाजी मारी थी, जहां भारी उद्योग मंत्रालय की फ्रेमवर्क स्कीम के तहत इलेक्ट्रिक बसें चलाई जानी थी.(Most Innovative Indore)
सैकड़ों में पहुंची ई-वाहनों की संख्या:इंदौर ने सबसे पहले 40 इलेक्ट्रिक बसों को शहर में चलाने का फैसला किया था और 20 इलेक्ट्रिक कारों के जरिए इंदौर नगर निगम ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को प्रशासकीय कार में अपनाया. उस दौरान इन बसों और कारों को चार्ज करने के लिए 5 चार्जिंग स्टेशन उन रूटों पर बनाए गए थे, जिन रूटों पर इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाती हैं. अब इन 5 चार्जिंग स्टेशन के स्थान पर एक बड़ा चार्जिंग डिपो राजीव गांधी सर्किल पर स्थापित किया गया है, जहां इलेक्ट्रिक बसों को बारी-बारी से चार्ज किया जाता है. लिहाजा यहां सफलतापूर्वक इलेक्ट्रिक बसों के अलावा निजी स्तर पर ऑटो-रिक्शा, दुपहिया, एवं अन्य वाहन चलाए जा रहे हैं, जिनकी संख्या अब सैकड़ों में पहुंच गई है.
साल के अंत तक बनेंगे 76 चार्जिंग स्टेशन:इंदौर में सबसे पहले इलेक्ट्रिक बसों के अलावा लोक परिवहन में इलेक्ट्रिक वाहनों के शामिल होने से अब भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय ने सीधे इंदौर नगर निगम और एआईसीटीएसएल को वित्तीय मदद करते हुए 76 नए चार्जिंग स्टेशन बनाने का अनुबंध किया है. इस अनुबंध के तहत शहर के व्यस्ततम इलाकों के अलावा उन पार्किंग के आसपास यह चार्जिंग प्वाइंट विकसित होंगे, जहां वाहन आते-जाते हैं.