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इंदौर पुलिस की गिरफ्त में मुख्य आरोपी: एडवाइजरी कम्पनी के नाम पर ज्यादा मुनाफे का लालच देकर लोगों से करते थे ठगी

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Published : Apr 6, 2022, 7:39 AM IST

इंदौर पुलिस ने ठगी की वारदातों में लिप्त मुख्य आरोपी की गिरफ्तार किया है. आरोपी बड़े मुनाफे का लालच देकर इंदौर के साथ ही अलग-अलग प्रदेशों में अलग नाम पर एडवाइजरी कंपनी खोलकर धोखाधड़ी की वारदातों को अंजाम देता था. जांच में सामने आया है कि रतन पटेल तथा सोहानिका चौरे पार्टनर हैं, जिनको गिरफ्तार कर पुलिस रिमाण्ड पर लिया गया है.

Main accused of cheating in custody of Indore Police
इंदौर पुलिस की गिरफ्त में ठगी का मुख्य आरोपी

इंदौर। एडवाइजरी के नाम पर ठगी की वारदातों में लगातार इजाफा हो रहा है. इंदौर के पलासिया पुलिस ने ऐसी ही एक एडवाइजरी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसके मुख्य आरोपी को हिरासत में लिया है और पूछताछ की जा रही है. पकड़ा गया आरोपी इंदौर के साथ ही अलग-अलग प्रदेशों में अलग नाम पर एडवाइजरी कंपनी खोलकर धोखाधड़ी की वारदातों को अंजाम दे चुका है.

मुनाफे की आड़ में लोगों से ठगी: पलासिया पुलिस द्वारा एल्गोट्रेड कंपनी 505 पांचवा माला सीएस नायडू बिल्डिंग में दबिश दी गई. जाँच पर पाया गया कि रतन पटेल तथा सोहानिका चौरे पार्टनर हैं, इनके द्वारा एल्गोट्रेड कंपनी के सॉफ्टवेयर बेचने की आड़ में एडवाइजरी का कार्य करते थे और लोगों को बड़े मुनाफे का लालच देकर पैसा लगवाते थे. इनके द्वारा सैकड़ो लोगो को अपने झांसे में लेकर लाखों का नुकसान कराया गया है. सेबी से जानकारी लेने पर इनका कामकाज नियमों के विरुद्ध होना बताया गया है.

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पुलिस रिमांड पर आरोपी: ठगों द्वारा एल्गो कंपनी के अतिरिक्त जीआरएस सॉल्यूशन, मनी इंडिया रिसर्च, एंजल वन ब्रोकिंग कंपनी, एलाईस ब्लू कंपनी आदि का कार्य भी इसी कार्यालय से अवैध रूप से संचालित किया जाता था. संचालक रतन पटेल तथा सोहानिका चौरे को गिरफ्तार कर पुलिस रिमाण्ड पर लिया गया है. वहीं इस पूरे मामले में कुछ और आरोपी भी शामिल हैं, जिनकी तलाश की जा रही है. पकड़े गए आरोपियों के पास से मोबाइल, सिम और दस्तावेजों को जब्त किया गया है, जिनकी जांच की जा रही है.

अलग अलग जगहों पर संचालित की जाती थी कम्पनी: आरोपियों से जब बारीकी से पूछताछ की गई तो उन्होनें बताया कि वह अलग-अलग कंपनियों के नाम पर एडवाइजरी कंपनी संचालित करते थे. शुरुआत में कंपनी जयपुर से शुरु हुई थी, लेकिन कुछ दिनों बाद उसे इंदौर में शिफ्ट कर लिया गया. फिर इंदौर से इसे पुणे शिफ्ट कर लिया गया और वहां से इस पूरी कंपनी को अलग-अलग नामों से संचालित किया जा रहा था. शुरुआत में इसे एल्गो कंपनी के नाम से संचालित किया जाता था, फिर इसे जीआरएस सॉल्यूशन, मनी इंडिया रिसर्च, एंजल कंपनी, एलआईसी ब्लू कंपनी आदि के नाम से संचालित किया जाना लगा. जो कि सेबी के भी नियमों का उल्लंघन है, इसके बाद इस पूरे मामले में पुलिस ने कार्रवाई की.

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