इंदौर।मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में अब एक और नया इतिहास रचा जाएगा. इंदौर के खिलौनों से पूरी दुनिया में बच्चे खेलेगें. इंदौर में जल्द ही टॉय क्लस्टर का निर्माण किया जाना है, जिसमें स्वदेशी के खिलौने तैयार होंगे. इन खिलौनों की गुणवत्ता इतनी अच्छी रहेगी कि यह खिलौने विदेशों में भी भेजे जाएंगे.
इंदौर में बनेगा टॉय क्लस्टर इंदौर के देपालपुर हातोद में टॉय क्लस्टर का निर्माण किया जाएगा. इसके लिए जमीन अधिग्रहण का काम भी शुरू कर दिया गया है. इस टॉय क्लस्टर में स्वदेशी खिलौने तैयार होंगे, जो कि देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजे जाएंगे. इस क्लस्टर से उम्मीद की जा रही है कि यहां निर्माण होने वाले खिलौनों को विदेशों में भी भेजा जा सकेगा.
चीन से आने वाले खिलौनों के लिए सरकार ने भी इंपोर्ट ड्यूटी 200% बड़ा दी गई है, ऐसे में अब भारत में ही मेक इन इंडिया के तहत खिलौना बनाने के लिए इद्यमी आगे आ रहे है.
1000 एकड़ जमीन को किया गया चिन्हित
मध्य प्रदेश सरकार ने इंदौर जिले के देपालपुर हतोद के बीच लगभग 1000 एकड़ जमीन को चिन्हित भी कर लिया है. इसका अधिग्रहण का काम भी शुरू कर दिया गया है. इंदौर इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमोद डफरिया के मुताबिक भारत में खिलौनों का व्यापार लगभग 7 लाख करोड़ का है, जिसमें भारत में केवल 15 से 20% ही खिलौने तैयार किए जाते हैं. बाकी खिलौने चीन, यूके और फ्रांस से मंगाए जाते हैं.
प्रमोद डफरिया, अध्यक्ष, एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्री हाल ही में स्वदेशी चीजों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चाइना से माल मंगाने पर इंपोर्ट ड्यूटी 200% तक बढ़ा दी है, जिससे अब चीन से खिलौने और बाकी सामान लाना महंगा हो गया है. ऐसे में अब भारत में ही मेक इन इंडिया के तहत खिलौना बनाने की यूनिट शुरू की जा रही है.
देवास के एक युवा उद्यमी ने 2018 से की थी शुरुआत
देवास के एक युवा उद्यमी ने 2018 में चाइना से टॉयज खरीद कर भारत के मार्केट में बेचने का काम शुरू करने के बारे में सोचा था, लेकिन जब उनको लगा कि यह बहुत महंगा पड़ रहा है तो उन्होंने इसे स्थानीय स्तर पर भी टॉय बनाने की शुरुआत की.
साल 2018 से लेकर 2020 तक वे खिलौनों की गुणवत्ता को लेकर आश्वस्त नहीं रहे, लेकिन अब 2020 में उन्होंने टॉय क्लस्टर में ही अपनी यूनिट शुरू करने की इच्छा जताई है. फिलहाल में वर्तमान में देवास में सॉफ्ट टॉय का निर्माण कर रहे हैं. युवा उद्यमी का कहना है कि टॉय क्लस्टर से कई खिलौना निर्माता एक जगह एकत्रित होंगे और उन्हें संसाधन के साथ ही कच्चा माल भी आसानी से उपलब्ध हो सकेगा.
इंटरनेशनल कार्गो से भी क्लस्टर को मिलेगी मदद
एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा के मुताबिक इंदौर में 1000 एकड़ जमीन का अधिग्रहण हुआ है और इसमें अन्य प्रोडक्ट के साथ-साथ टॉय क्लस्टर भी बनाया जाएगा. एक क्लस्टर में लगभग 20 से अधिक यूनिट लगाई जा रही है. एक ही जगह अधिक यूनिट होने से माल की आवाजाही में भी आसानी होगी.
ओमप्रकाश सकलेचा, एमएसएमई मंत्री मंत्री के मुताबिक अभी एक यूनिट यदि कहीं से कच्चा माल मंगाती है तो उसके आवागमन में परेशानी होती है इसके साथ ही माल भी महंगा होता है. इसके साथ ही इंदौर में हाल ही में इंटरनेशनल कार्गो का भी शुभारंभ हो गया है, ऐसे में भारत के अलग-अलग हिस्सों में उत्पाद भेजना भी आसान होगा.
जिस तरीके से मध्य प्रदेश सरकार मेक इन इंडिया के तहत अब इंदौर में बड़े स्तर पर खिलौने यूनिट खोलने की तैयारी में है. उससे अब साफ लगने लगा है कि आने वाले समय में इंदौर के बने खिलौने दुनिया भर में भेजे जाएंगे. साथ ही देश को चीन के खिलौनों का कारोबार से मुक्ति मिल जाएगी.