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बैंक की नौकरी छोड़ अपनाई खेती किसानी, रोजाना एक हजार घरों तक पहुंचाते हैं सब्जियां, लाखों का है टर्नओवर - इंदौर में हो रही जैविक खेती

कहते है अगर कुछ नया काम करने का इरादा मजबूत हो तो हर राह आसान हो जाती है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया इंदौर के रहने वाले विनय शर्मा ने. जिन्होंने अपनी अपनी बैंक की नौकरी छोड़ खेती किसानी में हाथ आजमाया. अपने इस नए प्रयोग में विनय शर्मा सफल भी हुए. जो आज मालवा में किसानों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं.

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विनय शर्मा, किसान

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Published : Jun 4, 2020, 11:19 AM IST

इंदौर।इंदौर में रहने वाले विनय शर्मा बैंक में रीजनल हेड के पद पर पदस्थ थे. लगभग 14 साल तक बैंक में नौकरी करने के बाद वे खेती में हाथ आजमाने निकल पड़े. जिस समय विनय शर्मा ने खेती करना शुरू की तब उनके पास जमीन का एक टुकड़ा भी नहीं था. आसपास के किसानों से किराए पर जमीन लेकर उन्होंने खेती करनी शुरु की. परंपरागत खेती के बजाए विनय शर्मा ने सब्जी और फूलों की खेती करने पर जोर दिया.

बैंक की नौकरी छोड़ शुरु की खेती किसानी, लाखों का टर्नओवर

फलों की खेती पर दिया जोर

स्ट्रॉबेरी जैसा फल जिसके लिए मालवा की जलवायु भी अनुकूल नहीं मानी जाती. लेकिन विनय ने इस तरह के फल भी तकनीक की मदद से लगाना शुरु किए. इंदौर के आस-पास तरबूज की खेती भी कम मात्रा में की जाती थी. लेकिन विनय ने तरबूज की खेती को लेकर भी प्रयोग किए और आज के समय में इंदौर और उसके आसपास के इलाकों में बड़ी मात्रा में किसान तरबूज की खेती करने लगे. इसी तरह गुलाब की खेती का प्रयोग करने के लिए विनय ने खुद पुणे जाकर इसके बारे में जानकारी ली और उसके बाद गुलाब की खेती करने वाले मजदूरों को इंदौर लेकर आए. बैंक में किए अपने काम के अनुभव से उन्होंने उपभोक्ताओं की डिमांड के आधार पर सब्जियां और पूल लगाकर अपने प्रयोग को सफल बनाया.

सब्जियों और फलों की खेती करते है विनय शर्मा

लॉकडाउन में लोगों के घर-घर तक पहुंचाई सब्जी

विनय अपनी सब्जी को लोगों के घर-घर तक पहुंचाने का काम करते हैं. ऐसे में वे लॉकडाउन के दौरान इंदौर के लोगों के लिए बड़ा सहारा बनकर सामने आए. विनय ने ऐसे लोगों की तलाश की जिन्हें टेक्नोलॉजी का नॉलेज तो था, लेकिन उनके पास काम नहीं था. ऐसे लोगों को विनय ने आपूर्ति ऐप के जरिए जोड़ा. शहर की लगभग 8 से ज्यादा कॉलोनियों के 1000 घरों तक उन्होंने मोबाइल ऐप के माध्यम से सब्जियां और फल पहुंचाए. खास बात यह रही कि उन्होंने किसी भी सब्जी की कीमत 40 रुपए किलो से ज्यादा नहीं रखी.

विनय शर्मा खेती में नया प्रयोग कर करके अब इलाके के कृषि वैज्ञानिक बन चुके हैं. नए प्रकार के फल और फूलों को लेकर विनय के प्रयोग से अब किसान भी उनसे प्रेरणा लेते हैं और पारंपरिक फसलों को छोड़ कर लोगों की डिमांड के हिसाब से खेती करते हैं.

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