इंदौर।स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली, वह 92 वर्ष की थीं. लता मंगेशकर का जन्म इंदौर के एक मध्यमवर्गीय मराठा परिवार में हुआ था. उनके माता पिता ने पहले उनका नाम हेमा रखा था लेकिन पांच साल की उम्र में उनका नाम बदलकर लता रख दिया गया था. इंदौर से लता मंगेशकर की कई यादें जुड़ी हुई हैं, इंदौर के लोग आज भी उनकी यादें सहेज कर रखे हैं. यहां का बच्चा-बच्चा लता मंगेशकर के घर को पहचानता है. जैसे ही उनके निधन की खबर इंदौर वासियों को लगी तो उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
लता मंगेशकर के नाम से जाना जाता है मुहल्ला
लता मंगेशकर ने जब संगीत की दुनिया में कदम रखा तो किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि इंदौर की गलियों में जन्मी और यहां की गलियों में पली बड़ी बच्ची (Lata Mangeshkar special memories) संगीत की दुनिया की सरताज बन जाएंगी. इंदौर का नाम भी लता मंगेशकर की वजह से पूरे देश और विदेशों में मशहूर है. उनका जन्म सिख मोहल्ले में हुआ था यह क्षेत्र लता मंगेशकर के नाम से ही जाना जाता है. लता मंगेशकर के चाहने वाले उनका जन्मदिन धूमधाम से मनाते हैं.
पढ़ने में थी होशियार
लता मंगेशकर के पड़ोस में रहने वाले बुजुर्ग ने बताया कि लता मंगेशकर और उनका परिवार सालों तक यहां पर रहा है. शुरुआती बचपन इंदौर में ही गुजरा और वह इन्हीं गलियों में खेलते हुए वह बढ़ी हुई और फिर अपने परिवार के साथ मुंबई चली गईं थीं, इसके बाद कभी लौट कर नहीं आईं थी. लेकिन जो भी समय उन्होंने शहर में गुजारा वह इंदौर के लिए यादगार बन गया था. जिस क्षेत्र में वह रहती थीं, वह इलाका उनके नाम से ही जाना जाता है यह इंदौर के लिए किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है. बुजुर्गों ने बताया कि लता मंगेशकर बचपन से ही पढ़ने में काफी होशियार थी. वहीं आसपास रहने वाले लोगों का कहना है कि उनका परिवार भी काफी अच्छा था और सभी से मिलकर रहते थे.