इंदौर। मध्यप्रदेश में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों (vice chancellor Of Universities ) अब कुल गुरु बन जाएंगे. राज्य सरकार अब कुलपतियों का पदनाम बदलकर कुलगुरु करना चाहती है. सरकार ने इस बारे में प्रस्ताव कुलाधिपति की समन्वय समिति को भेज दिया है. इस प्रस्ताव की इनसाइड स्टोरी भी कम रोचक नहीं है. इसका खुलासा खुद उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव (Minister Mohan Yadav) ने किया है.
कुलगुरू की Inside Story
कुछ दिनों पहले उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव इंदौर यूनिवर्सिटी (Minister Mohan Yadav) आए थे. यहां जब वे देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कुलपति कक्ष में पहुंचे, तो कुलपति रेणु जैन के साथ बैंक ऑफिसर पति सतीश कुमार जैन भी मौजूद थे. उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव से उनका परिचय नहीं होने के कारण खुद मंत्री जी ने जब उनसे हास्य परिहास करते हुए परिचय पूछा, तो कुलपति रेणु जैन के पति ने सहज भाव में कहा कि मैं कुलपति का पति हूं. ऐसा परिचय सुनकर उच्च शिक्षा मंत्री को ठीक नहीं लगा. उन्होंने कुलपति (vice chancellor ) शब्द में से पति शब्द हटाने का फैसला उसी समय कर लिया था. इसके बाद उज्जैन में संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति समेत केरल विश्वविद्यालय और दूसरे विशेषज्ञों से इस मामले में उनकी राय जानी तो पता चला, कुलपति शब्द भारतीय परंपरा के अनुरूप शब्द नहीं है. इससे पद की गरिमा का अहसास कम होता है. इसके बाद उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने शिक्षाविदों की राय के आधार पर कुलपति पद को कुलगुरू(Kulguru) करने पर प्रस्ताव तैयार करने को कहा.
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कुलपति से कुलगुरू पदनाम (vice chancellor ) करने का प्रस्ताव उच्च शिक्षा विभाग ने तैयार कर लिया है. इस प्रस्ताव में नाम परिवर्तन को लेकर प्रदेश के प्रमुख कुलपतियों और शिक्षाविदों की राय ली गई है. इसके अलावा प्राचीन शिक्षण व्यवस्था में इस तरह का कोई पद नाम नहीं होने का भी हवाला दिया गया है. फिलहाल यह प्रस्ताव उच्च शिक्षा विभाग की ओर से राज्यपाल यानि कुलाधिपति की प्रमुखता में गठित होने वाली समन्वय समिति के पास भेजा गया है. यही समिति कुलपति के पदनाम को परिवर्तित करने का अंतिम फैसला करेगी. उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के मुताबिक जैसे ही समिति की बैठक होगी उस बैठक में प्रमुख तौर पर यह प्रस्ताव लाया जाएगा. समिति की बैठक में प्रस्ताव पारित करने के बाद इस निर्णय को राज्य मंत्री परिषद या कैबिनेट (Shivraj Cabinet Meeting) की बैठक में रखा जाएगा. कैबिनेट द्वारा इस प्रस्ताव को पारित करने के बाद गजट नोटिफिकेशन के बाद प्रदेश के तमाम विश्वविद्यालयों में कुलपति पदनाम को परिवर्तित कर कुलगुरू नाम लिखे जाने की व्यवस्था लागू कर दी जाएगी.
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कांग्रेस ने कहा, ये संघ की मानसिकता
उच्च शिक्षा विभाग के फैसले पर विपक्षी दल कांग्रेस सहमत नहीं है कांग्रेस का आरोप है कि कुलपति का पद नाम बदले जाने के बाद विभाग अध्यक्षों के नाम राज्य सरकार सप्तर्षियों के नाम पर करेगी. इसके बाद एचओडी आचार्य कहे जाएंगे. यह राज्य सरकार की संघ समर्थक मानसिकता का परिणाम है.