इंदौर। मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर की पहचान देश के सबसे साफ-सुथरे शहर के तौर पर है, यहां की अब कान्ह नदी (Kanha river indore) की तस्वीर बदलने की कवायद शुरू हो गई है. कान्ह नदी में कई उद्योगों का दूषित पानी और कचरा तो मिलता ही है साथ में कुछ नाले भी मिलते हैं. इसके चलते इस नदी में लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है, इस नदी को स्वच्छ रखने के लिए प्रशासन स्तर पर प्रयास तेज किए जा रहे हैं.
प्रदूषण मुक्ति के लिए जांच दल गठित
कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि कान्ह नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिये जिला प्रशासन द्वारा युद्ध स्तर पर सतत अभियान चलाया जाएगा. कान्ह नदी में जुड़ने वाले तीन नालों में इंडस्ट्रियल वेस्ट डिस्चार्ज करने वाले उद्योगों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होने कहा कि कार्रवाई करने के लिए संबंधित क्षेत्र के सीईओ जनपद, नायब तहसीलदार, पंचायत सचिव एवं अन्य अधिकारियों का दल गठित किया जाएगा. यह दल गैर-आवासीय गतिविधियों से प्रदूषित होने वाली नालों की समीक्षा करेंगे एवं प्रदूषण के लिए जिम्मेदार उद्योगों को सील कर उनका विद्युत कनेक्शन कटवाने की प्रक्रिया संपन्न कराएंगे. इस संपूर्ण कार्य की मॉनिटरिंग अपर कलेक्टर पवन जैन द्वारा किया जायेगी.
प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों को चिन्हित कर लिया जाएगा एक्शन