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IAS संतोष वर्मा के खिलाफ जांच जारी, SP ने कोर्ट को लिखा पत्र, पुलिस की रडार में कई अन्य आरोपी

आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा की गिरफ्तारी के बाद उन्हें विभाग से भी निलंबित कर दिया गया है, वहीं एमजी रोड पुलिस अभी भी जांच पड़ताल में जुटी हुई है.

Investigation continues against IAS Santosh Verma
IAS संतोष वर्मा के खिलाफ जांच जारी

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Published : Jul 24, 2021, 6:48 PM IST

इंदौर। एमजी रोड पुलिस ने पिछले दिनों आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा को गिरफ्तार किया था और उस पूरे मामले में एमजी रोड पुलिस अभी भी जांच पड़ताल में जुटी हुई है, बता दें आईएस अधिकारी पिछले तकरीबन 5 दिनों से इंदौर की जिला जेल में बंद हैं, इस दौरान वह सामान्य कैदियों की तरह ही व्यवहार कर रहे हैं वहीं इंदौर पुलिस पूरे मामले की अभी जांच पड़ताल में जुटी हुई है.

IAS संतोष वर्मा के खिलाफ जांच जारी

IAS संतोष वर्मा निलंबित, जांच जारी

एमजी रोड पुलिस ने जब आईएएस अधिकारी को गिरफ्तार किया, तो उन पर विभागीय कार्रवाई भी हुई और उन्हें विभाग ने निलंबित कर दिया है, वहीं पूरे मामले में पिछले तकरीबन 4 से 5 दिनों से वह इंदौर की जिला जेल में बंद है. निलंबित आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा की न्यायिक हिरासत 30 जुलाई को खत्म होगी, निश्चित तौर पर उसके बाद इंदौर पुलिस एक बार फिर इस पूरे मामले में उनसे पूछताछ कर सकती है.

पुलिस की रडार में कई आरोपी

इस पूरे मामले में एमजी रोड पुलिस लगातार जांच पड़ताल करने में जुटी हुई है तो वहीं कई लोगों के बयान भी पुलिस ने इस दौरान लिए हैं इंदौर एसपी का भी कहना है कि आने वाले दिनों में इस पूरे मामले में कुछ और आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा.

SP ने कोर्ट को लिखा पत्र

इंदौर के एमजी रोड थाना पुलिस ने न्यायाधीश विजेंद्र रावत की शिकायत पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया था, इस पूरे मामले में पुलिस ने निलंबित आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा को गिरफ्तार किया था, इस पूरे मामले को लेकर पुलिस की जांच कोर्ट में मौजूद कर्मचारियों तक पहुंच चुकी है, जिसको लेकर कोर्ट में मौजूद कर्मचारियों की भूमिका भी संदेह है, जिसको लेकर एसपी आशुतोष बागरी ने 4 पेज का पत्र हाई कोर्ट को लिखा है, पिछले दिनों लसूड़िया थाने में मारपीट की धाराओं में आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा पर प्रकरण दर्ज किया गया था.

जहां आईएस अवॉर्ड से पहले संतोष शर्मा को निर्दोष होने का प्रमाण देना था जिसको लेकर फर्जी प्रमाण पत्र तैयार किया गया था, जिला न्यायधीश के फर्जी सिग्नेचर की जानकारी लगने के बाद इस पूरे मामले की शिकायत संबंधित थाने पर की गई थी जिस पर अभियोजन अधिकारी अकरम शेख के बयान के बाद पुलिस ने कोर्ट के अन्य कर्मचारियों के बयान दर्ज किए थे, पुलिस के हाथ कुछ इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस भी लगे थे, जिनकी काफी बारीकी से जांच पड़ताल की जा रही है हाई कोर्ट की मंजूरी के बाद आगामी समय में पुलिस की कार्रवाई इस पूरे मामले में देखने को मिल सकती है.

सामान्य कैदी की तरह बन्द हैं संतोष वर्मा

वहीं निलंबित आईएएस अधिकारी कार्रवाई होने के बाद से 30 जुलाई तक के लिए इंदौर की जिला जेल में बंद हैं, इस दौरान जेल अधीक्षक का भी कहना है कि आईएएस अधिकारी रोजाना सुबह अन्य कैदियों की तरह उठ जाते हैं, उसके बाद अपने बैरक में साफ सफाई करते हैं, जब भी उनसे वहां पर तैनात पुलिसकर्मी यह सब काम करने को मना करते हैं तो उनका कहना है कि वह घर पर भी झाड़ू लगाने का काम करते हैं.

सुबह ही अपने अन्य काम निपटाने के बाद और अन्य सामान्य कैदियों की तरह जेल में जो काम होते हैं, उनको करने में व्यस्त हो जाते हैं, इसी के साथ दिन में वह अपने बैरक में लेटे हुए कुछ किताबें पढ़ रहे हैं, तो वहीं अन्य कैदियों से भी विभिन्न मुद्दों पर बात कर रहे हैं.

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बता दें इस पूरे मामले में पुलिस काफी बारीकी से जांच पड़ताल में जुटी हुई है, वहीं एसपी पूरे मामले की मॉनिटरिंग में जुटे हुए हैं, एसपी का कहना है कि जल्द ही इस पूरे मामले में कोर्ट से जुड़े हुए कुछ अधिकारी और कर्मचारियों की गिरफ्तारी हो सकती है.

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