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MP से भी रहा है ट्रेजेडी किंग का नाता, फिल्म समीक्षक जय प्रकाश चौकसे बोले इंदौर की बालूशाही और मांडू के दिवाने थे दिलीप साहब - Film critic Jaiprakash Chouksey talks to etvbharat

दिलीप कुमार अब हमारे बीच अब नहीं(dilip kumar passes away) रहे.ट्रेजेडी किंग दिलीप कुमार(tragedy king dilip kumar) का देश के दिल एमपी से भी गहरा नाता रहा है उन्होंने कई फिल्मों की शूटिंग मध्यप्रदेश में की. दिलीप कुमार की एमपी के साथ जुड़ी यादों को ईटीवी भारत(ETV BHARAT) के साथ साझा किया मुंबई के फिल्म समीक्षक जयप्रकाश चौकसे ने.

Film critic Jaiprakash Chouksey
फिल्म समीक्षक जयप्रकाश चौकसे

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Published : Jul 7, 2021, 2:31 PM IST

Updated : Jul 7, 2021, 4:24 PM IST

इंदौर(indore)। विख्यात फिल्म अभिनेता दिलीप कुमार (tragedy king dilip kumar) की मध्य प्रदेश के साथ भी कई यादें जुड़ी हुई हैं.दिलीप कुमार को इंदौर में मिलने वाली एक खास मिठाई बालूशाही बहुत पसंद थी. इसके अलावा उन्हें धार का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मांडू बहुत पसंद था. ट्रेजेडी किंग दिलीप कुमार अब हमारे बीच अब नहीं (dilip kumar passes away) रहे.उनका बुधवार सुबह मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में निधन हो गया. दिलीप कुमार का कई फिल्मों की शूटिंग के दौरान देश के दिल एमपी में भी कई बार आना जाना हुआ है. उनका एमपी से भी गहरा नाता रहा है. उन्होंने कई फिल्मों की शूटिंग मध्यप्रदेश में की (dilip kumar shoots in mp). दिलीप कुमार की एमपी के साथ जुड़ी यादों को ETV BHARAT के साथ साझा किया जाने माने फिल्म समीक्षक जयप्रकाश चौकसे ने.

फिल्म समीक्षक जयप्रकाश चौकसे

एमपी से जुडी दिलीप कुमार की खास यादें

ख्यात फिल्म समीक्षक जयप्रकाश चौकसे के मुताबिक इंदौर के महारानी रोड पर एलोरा टॉकीज के पास मोटर रिपेयर के एक मालिक दिलीप साहब के खास दोस्त थे. जब 'दिल दिया दर्द लिया' फिल्म के लिए लोकेशन ढूंढा जा रहा था .तब उनके यही दोस्त उन्हें अपनी कार में लेकर मांडू ले गए थे. यहीं पर इस फिल्म की शूटिंग भी हुई थी. इसके बाद दिलीप कुमार तुलसीदास के प्रसंग पर भी एक बड़ी फिल्म बनाना चाहते थे. इस फिल्म के फाइनेंसर गुणवंत लाल शाह को फिल्म समीक्षक जयप्रकाश चौकसे ने अमृतलाल नागर का उपन्यास 'मानस के हंस' सुनाया था.

फिल्म 'दिल दिया दर्द लिया' के लिए ढूंढ रहे थे लोकेशन

बनारस और पेशावर का सेट लगाने की तैयारी हुई. उन दिनों मुंबई के बंगले पर ही जब दिलीप कुमार जमकर पतंगबाजी करते थे. इसी दौरान उन्हें फिल्म के चैप्टर सुनाए जाते थे. बाद में इस फिल्म के स्क्रिप्ट दिलीप कुमार को इतनी पसंद आई कि दिलीप कुमार ने तुलसीदास बनने के लिए लंदन से बालों की विग बनवाई थी. इसी बीच अचानक फिल्म फाइनेंसर गुणवंत लाल शाह की मौत हो गई तो दुखी मन से दिलीप कुमार ने फिल्म बनाने से इंकार कर दिया था. दिलीप कुमार को मांडू और इंदौर में यशवंत राव होल्कर के महल का गेट बहुत पसंद था. यह लंदन में वर्मिंघम पैलेस के जैसा ही है बाद में फिल्म की शूटिंग दिलीप कुमार ने यहीं की थी.

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दिलीप कुमार को पसंद थी इंदौर की मिठाई

स्क्रिप्ट राइटर सलीम जावेद का दिलीप कुमार के यहां आना जाना था. उन दिनों जयप्रकाश चौकसे सलीम के लिए इंदौर की बालूशाही ले जाते थे. एक दिन जब दिलीप कुमार ने सलीम के यहां बालूशाही मिठाई चख कर देखी तो दिलीप कुमार ने इंदौर से अपने लिए भी बालूशाही बुलवाना शुरू किया .इसके बाद कई महीनों तक इंदौर से बालूशाही भेजने का सिलसिला शुरू हुआ. लेकिन सायरा बानो उन्हें इस डर से बालूशाही नहीं खिलाती थी कि उन्हें कोई जहर दे देगा. लिहाजा वो बालूशाही कचरे के डब्बे में फेंक देती थी. यह बात चौकीदार ने जयप्रकाश चौकसे को बताई थी उसके बाद इंदौर से बालूशाही भेजने का सिलसिला बंद हो गया.

22 साल छोटी सायरा बानो से ऐसे हुई शादी

दिलीप कुमार से सायरा बानो 22 साल छोटी थी. फिल्म समीक्षक जयप्रकाश चौकसे के मुताबिक एक जमाने में सायरा बानो का फिल्म अभिनेता राजेंद्र कुमार से इश्क चल रहा था. लेकिन राजेंद्र कुमार के शादीशुदा होने के कारण नसीम बानो ने सायरा की शादी राजेंद्र कुमार से करने को मंजूरी नहीं दी. इसी बात को लेकर राजेंद्र कुमार और उनकी पत्नी के बीच भी खासा विवाद रहा था .इस दौरान जब दिलीप कुमार के बर्थडे पर राजेंद्र कुमार अपनी पत्नी को लेकर पार्टी में शामिल हुए तो सायरा बानो की मां नसीम बानो ने इस मौके का फायदा उठाकर सायरा बानो को बताया कि जो पार्टी में अपनी पत्नी को लेकर आता है वह तुमसे क्या शादी करेगा. इसके बाद नसीम बानो ने दिलीप कुमार से सायरा बानो की शादी करवा दी. दरअसल सायरा बानो अपने बीमार पति दिलीप कुमार की लगातार सेवा कर रही थी. इस दौरान वे बीते 6 महीने में 3 बार खुद भी अस्पताल में भर्ती हो गई. यह बात दिलीप कुमार के पारिवारिक पड़ोसी फरीदा जलाल और खालिद भी जानते हैं जिन्होंने सायरा बानो की भी खासी देखभाल की.

बुधनी में हुई थी नया दौर की शूटिंग

दिलीप कुमार की चर्चित फिल्म नया दौर की शूटिंग मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के बुधनी के पास गडरिया नाले पर हुई थी. उन दिनों लकड़ी का एक पुल बनाया गया था जिस पुल से दिलीप कुमार को अपना तांगा लेकर गुजारना था. बलदेव राज चोपड़ा की इस फिल्म में लोकेशन इसलिए भी मुंबई से दूर मध्यप्रदेश में रखा गया. क्योंकि दिलीप कुमार मुंबई लोकल में सेट पर बहुत देरी से पहुंचते थे. उस दौरान इस फिल्म में हीरोइन का रोल मधुबाला को दिया गया था. इसके बाद यहां 4 दिन की शूटिंग भी हुई लेकिन मधुबाला के पिता ने शर्त रख दी कि मधुबाला से आपकी शादी तभी संभव है जब शादी के बाद आप दोनों मेरे द्वारा प्रोड्यूस की हुई फिल्मों में ही काम करेंगे. यह बात दिलीप कुमार ने नहीं मानी इसके बाद बलदेव राज चौपड़ा ने मधुबाला को हटाकर फिल्म में वैजयंती माला को एक्ट्रेस का रोल दिया था.

Last Updated : Jul 7, 2021, 4:24 PM IST

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