इंदौर। देश के विभिन्न प्राचीन बाजारों में खरीदी बिक्री की परंपराएं भी खासी निराली है. आज भी यह पूरी शिद्दत से निभाई जा रही हैं. प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर में ऐसी ही परंपरा है. करीब डेढ़ सौ साल पुराने इंदौर के महाराजा तुकोजी राव क्लॉथ मार्केट में हर साल देश भर के 10 हजार से ज्यादा कपड़ा व्यापारी यहां निमंत्रण पर आकर सप्ताह भर में करोड़ों की खरीदी करते हैं. नतीजतन बाजार का सालाना टर्नओवर 2000 करोड़ से ज्यादा है. इस साल भी खरीदी बिक्री की यह परंपरा 14 से 19 सितंबर तक टेक्सटाइल ट्रेड फेयर के रूप आयोजित की गई. वैसे तो इंदौर अपनी स्वच्छता और खानपान खासतौर इंदौरी पोहा के लिए मशहूर है. लेकिन आन, बान, शान और जान उसका कपड़ा बाजार ही है. आजादी के पहले से चली आ रही यहां की कपड़ा मार्केट का पूरे भारत में एक अलग ही स्थान है. (MP Indore life is textile market)
इंदौर की जान है कपड़ा बाजार होल्कर रियासत के पहले से चली आ रही है परंपराःदरअसल इंदौर की कपड़ा मंडी होल्कर रियासत काल के पहले से भारत ही नहीं अरब देशों में भी चर्चित रही है. पुराने दौर में महाराष्ट्र समेत दक्षिणी राज्यों से दिल्ली की ओर जाने वाले तमाम शासक और कपड़ा व्यापारी इंदौर से खरीदी करते थे. इसके अलावा मालवा निमाड़ दशकों से कपास उत्पादक किसानों का गढ़ रहा है. नतीजतन देश की आजादी के पहले कई प्रमुख कपड़ा मिलें इंदौर में स्थापित हुई. उस दौर में यहां की कपड़ा मिलों में तैयार होने वाले सूती कपड़े की मांग देशभर में रही. नतीजतन इंदौर का कपड़ा बाजार आजादी के बाद भी एक समृद्धशाली व्यवसायिक केंद्र के रूप में स्थापित हुआ. इसके बाद से दशकों तक इंदौर के कपड़ा बाजार के व्यापारियों के देश के अन्य कपड़ा व्यापारियों से व्यावसायिक और पारिवारिक संबंध रहे. (Indore textile market annual turnover is more than 2000 crores)
जब बंद होने लगी थीं कपड़े की मिलेः अस्सी और 90 के दशक में जब कपड़ा मिलें धीरे-धीरे बंद होने लगी थी. इंदौर में उत्पादन नहीं होने के कारण यहां के व्यापारियों को देशभर से कपड़े की मांग के कारण ट्रेडिंग के व्यवसाय में उतरना पड़ा. हालांकि इसके बावजूद सीमित मुनाफे के बावजूद इंदौर के करीब 800 से ज्यादा व्यापारियों ने बाहरी व्यापारियों के साथ व्यापार के परंपरागत भरोसे और आत्मीयता को नहीं टूटने दिया. जिसके फलस्वरूप आज भी प्रदेश के पड़ोसी 6 राज्यों के थोक कपड़ा व्यापारियों समेत अन्य विभिन्न राज्यों के हजारों व्यापारियों का खरीदी के लिए थोक बाजार इंदौर का एमटी क्लॉथ मार्केट ही है. सालाना दो हजार करोड़ के टर्नओवर वाला मार्केट फिलहाल कपड़ों की ट्रेडिंग का बड़ा मार्केट है. जहां करीब 800 से ज्यादा व्यापारी देश की विभिन्न कपड़ा मिलों से थोक में बल्क ऑर्डर देकर कपड़ा खरीदते हैं. इसके बाद सीमित मुनाफे पर देश के विभिन्न राज्यों के थोक व्यापारियों को सप्लाई करते हैं.
क्या है इंदौर के कपड़ा बाजार की खासियत: इस पूरे व्यापार की भी खास बात यह है कि बड़ी मात्रा में कपड़ा खरीदी के कारण कपड़ा मिलों से मिलने वाले इंसेंटिव के भरोसे व्यापार होता है. इसके अलावा इंदौर के व्यापारियों के बीच मुनाफे की रकम भी नाम मात्र की होती है. ऐसी स्थिति में अन्य पड़ोसी राज्यों को अपने ही राज्यों के कपड़ा बाजार से सस्ता कपड़ा इंदौर के क्लॉथ मार्केट से मिल जाता है. इसके अलावा इंदौर देश के मध्य में होने के कारण यहां से अन्य पड़ोसी राज्यों के बीच ट्रांसपोर्टेशन भी आसान और सस्ता होने के कारण इंदौर मुख्य खरीदी केंद्र साबित होता है.
ट्रेड फेयर में मिलती हैं रियायतें: टेक्सटाइल ट्रेड फेयर में 100 करोड़ की खरीदी इंदौर के एमपी क्लॉथ मार्केट के संपर्क में देशभर के जो 10000 थोक व्यापारी हैं. उन्हें हर साल यहां आयोजित होने वाले टेक्सटाइल ट्रेड फेयर में आमंत्रित किया जाता है. इन सभी व्यापारियों के लिए शहर में खानपान से लेकर अतिथि सरकार की व्यवस्था होती है. इसके अलावा ट्रेड फेयर के दौरान हर व्यापारी के लिए इनामी प्रतियोगिता और लकी कूपन के ड्रा निकाले जाते हैं. जिसमें कार से लेकर स्कूटर एवं विभिन्न उपहार हर किसी को एक निश्चित खरीदी बिक्री पर मिलना निश्चित किया जाता है. (MP Indore life is textile market)