इंदौर।युवा और कुछ करने का जोश फिर भला बंदिशें कहां किसी को रोक सकती हैं. इंदौर पुलिस के जवान संजय सांवरे कुछ ऐसा ही संदेश दे रहे हैं. संजय कुछ ऐसे बच्चों का भविष्य संवारने की कोशिश कर रहे हैं जिनसे लोग अकसर किनारा कर लेते हैं. पुलिस के जवान संजय ने ऐसे बच्चों को पढ़ाने लिखाने का बीडा उठाया जो अपने बचपन की मासूमियत खो चुके थे. छोटे मोटे काम धंधे करते थे कुछ बच्चे में ही नशे के आदि हो चुके थे, लेकिन संजय की बेहतर सोच ने इन बच्चों में उम्मीद जगाई और 4 बच्चों से शुरू हुई वर्दी वाले मास्टर जी की क्लास में आज 52 बच्चे पढ़ने आते हैं.
लालबाग में लगती है वर्दी वाले मास्टरजी की क्लास
कभी अपराध और नशे के दलदल में फंसे ये बच्चे इंदौर के लालबाग क्षेत्र में लगने वाली इस क्लास में पढ़ने लिखने आते हैं. आर्थिक तंगी और अच्छी परवरिश न मिलने की वजह से ये बच्चे छोटा मोटा काम धंधा भी करते हैं, लेकिन इंदौर पुलिस के एक जवान संजय सांवरे से इनका दर्द देखा नहीं गया और उसने इन बच्चों के लिए कुछ करने की ठान ली. पुलिस लाइन में पदस्त संजय बताते हैं कि 4 बच्चों से शुरू हुआ ये उनका ऑपरेशन स्माइल से अब 52 बच्चे जुड़ चुके हैं. संजय अपनी इस क्लास में कम से कम 100 बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं.