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इंदौर लगाएगा स्वचछता में छक्का! जुगाड़ टेक्निक से तैयार हो रहे स्मॉग टावर, जानें कैसे साफ करेगा आबोहवा

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Published : Apr 7, 2022, 1:16 PM IST

स्वच्छता में लगातार पांच बार अव्वल आने वाला इंदौर शहर अब स्वच्छता सर्वेक्षण में छक्का लगाने के लिए जुगाड़ टेक्निक भी अपना रहा है. इसी के चलते वायु प्रदूषण के सुधार के लिए अब इंदौर में भी दिल्ली के स्मॉग टावर के कंसेप्ट पर काम करके संयंत्र बनाए गए हैं, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.(indore Smog Tower)

mp first smog tower
इंदौर लगाएगा स्वचछता में छक्का

इंदौर। स्वच्छता में लगातार पांच बार अव्वल आने वाला इंदौर शहर अब स्वच्छता सर्वेक्षण में छक्का लगाने के लिए जुगाड़ टेक्निक भी अपना रहा है. दरअसल 2022 के स्वच्छता सर्वेक्षण में वायु प्रदूषण मुख्य शर्त रखी गई है, लिहाजा वायु प्रदूषण के सुधार के लिए अब इंदौर में भी दिल्ली के स्मॉग टावर के कंसेप्ट को स्थानीय स्तर पर बनाए गए संयंत्रों की मदद से लागू किया जा रहा है.(indore Smog Tower)

इंदौर जुगाड़ टेक्निक से तैयार हो रहे स्मॉग टावर

वर्कशॉप की पुरानी सामग्री से तैयार हुए संयंत्र: देश के सबसे स्वच्छ शहर में एयर क्वालिटी इंडेक्स सुधारने के लिए नगर निगम अब स्थानीय स्तर पर प्रदूषण नियंत्रण के संयंत्र भी तैयार कर रहा है. इस दिशा में प्रदेश में पहली बार इंदौर के महाराजा यशवंतराव हॉस्पिटल तिराहे पर सुंदर दिखने वाले विंड स्पिनर और एयर प्यूरीफायर स्थापित किए गए हैं. इनके लगते ही यह लोगों के आकर्षण का केंद्र बने, यह संयंत्र नगर निगम ने अपनी वर्कशॉप में ही पुरानी सामग्री से तैयार किए हैं.

शुद्ध होगी प्रदूषित हवा:इंदौर नगर निगम के कमिश्नर प्रतिभा पाल के निर्देश पर बीते करीब एक हफ्ते मैं तैयार किए गए विंड स्पिनर और एयर प्यूरीफायर दिल्ली के स्मॉग टावर के कंसेप्ट पर आधारित हैं. इनके जरिए शहर की प्रदूषित पर्यावरण शुद्ध किया जा सकेगा. खास बात यह है कि इन संयंत्रों को बनाने में 3R कंसेप्ट का उपयोग किया गया है, इसलिए इनकी लागत भी मात्र 8000 और 12000 रुपये है. पहले दिन इनके लगते ही निरीक्षण के बाद खुद नगर निगम प्रशासन ने इनकी कार्यप्रणाली और इनके उपयोगी होने के कारण ऐसे संयंत्र अन्य स्थानों पर भी लगाने का फैसला किया है.

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यह है नगर निगम का 3R कंसेप्ट:इंदौर नगर निगम देश का पहला ऐसा नगरीय निकाय है जो अपशिष्ट प्रबंधन और अवशिष्ट से नए-नए उत्पाद तैयार करने के लिए ख्यात है. इंदौर नगर निगम ने कई सालों पहले ही 3R (waste redusing, reusing, recycling) कंसेप्ट को अपनाया था, जिसे अब एयर क्वालिटी इंडेक्स को सुधारने के लिए तैयार किए जा रहे संयंत्रों में भी लागू किया जा रहा है.

ऐसे काम करते हैं संयंत्र:इंदौर नगर निगम वर्कशॉप प्रभारी मनीष पांडे के मुताबिक विंड स्पिनर को कूलर की दो मोटर और पंप के जरिए तैयार किया गया है, जिसमें कूलर की मोटर पंखों को चलाती हैं जबकि नीचे कूलर की तरह ही पंप के जरिए पानी का प्रवाह पंखों के आस पास होता है. इससे वातावरण में हवा के साथ पानी की बौछार निकलती है, जिन क्षेत्रों में वायु कण अथवा प्रदूषण का घनत्व ज्यादा होता है वहां प्रदूषित धूल अथवा धुएं के कण आद्रता और पानी के साथ मिलकर जमीन पर बैठ जाते हैं. जिससे प्रदूषण को संबंधित क्षेत्र में ही सीमित किया जा सकता है.

आकर्षक रंगों से सजाए गए हैं संयंत्र:विंड स्पिनर के अलावा एयर प्यूरीफायर को वर्कशॉप कर्मचारियों ने वाहनों में लगने वाले एयर फिल्टर की मदद से तैयार किया है इसमें पंप के जरिए हवा को फिल्टर में खींचा जाता है जबकि फिल्टर से साफ की हुई हवा को दूसरे रास्ते बाहर छोड़ दिया जाता है. ऐसा करने पर वातावरण की धूल फिल्टर के ऊपर जमा हो जाती है और शुद्ध वायु फिर वातावरण में चली जाती है इसके अलावा एक अन्य संयंत्र डिजाइन अथवा लुक के हिसाब से तैयार किया गया है साथ ही इन स्मॉग टावर को सुंदर रंगों से सजाया गया है, जो आम लोगों के लिए आकर्षण का विषय बने हुए हैं.

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