इंदौर। प्रदेश के कोरोना हॉटस्पॉट इंदौर में एक बार फिर संक्रमण और मरीजों की स्थिति बेकाबू होती नजर आ रही है. आलम ये है कि शहर के अधिकांश अस्पताल बाहरी जिलों से इलाज कराने इंदौर आए संक्रमित मरीजों से ही भर गए हैं. इन हालातों में आईसीयू सेवा का संकट भी खड़ा हो गया है.
अप्रैल माह के बाद एक बार फिर इंदौर में तेजी से बढ़ रहे संक्रमण के कारण मरीजों की संख्या 15 हजार 165 तक पहुंच गई है. वहीं इंदौर में 6 लोगों की मौत हो गई, लिहाजा इंदौर में अब तक 427 लोगों की संक्रमण के कारण मौतें हो चुकी है.
इस स्थिति के बावजूद शहर के लोग संक्रमण को लेकर गंभीरता बरतने को तैयार नहीं हैं. अधिकांश व्यवसाय क्षेत्र में ना तो लोग मास्क लगा रहे हैं, ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने को तैयार हैं. खानपान और होटलों पर भी ग्राहकों और होटल संचालकों के बीच सतर्कता का अभाव है.
नतीजतन शहर में तेजी से संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इधर इंदौर के अधिकांश अस्पतालों की स्थिति ये है कि उनमें 50 फीसदी से ज्यादा मरीज बाहरी जिलों के हैं. जिन्हें इंदौर संभाग के अलावा भोपाल, ग्वालियर और छतरपुर संभाग के विभिन्न जिलों से अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है.
इस स्थिति के मद्देनजर शहर के विभिन्न अस्पतालों में आईसीयू सेवा की उपलब्धता के लिहाज से सीमित साबित हो रही है. इंदौर जिला प्रशासन ने अतिरिक्त मरीजों के लिहाज से शहर के 15 बड़े अस्पतालों में आईसीयू बेड की व्यवस्था की थी.
उनमें भी मरीज भर चुके हैं. इसके अलावा कोरोना के इलाज के लिए जिस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की व्यवस्था अतिरिक्त तौर पर की गई थी, उसमें भी अब कोरोना मरीजों को भर्ती किया जा रहा है. यही स्थिति अन्य निजी अस्पतालों की भी है. जिनमें संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिसे लेकर जिला प्रशासन भी खासा परेशान है.