इंदौर। शराब के सरकारी ठेकों में किस स्तर की गड़बड़ी होती है इसकी बानगी है इंदौर में हुआ करोड़ों रुपयों का आबकारी घोटाला जिसमें जिम्मेदारों पर लगातार गाज गिर रही है. इस मामले में अब तक इंदौर में पदस्थ रहे सहायक आबकारी आयुक्त राज नारायण सोनी के अलावा एक अन्य अधिकारी पूर्व में निलंबित किये जा चुके हैं.
ऐसे हुआ घोटाला:गौरतलब है कि बेंगलुरु के शराब कारोबारी मोहन कुमार और अनिल सिन्हा ने वर्ष 2022-23 के लिए टेंडर डालकर इंदौर के एमआइजी क्षेत्र में शराब का ठेका आवंटित करवाया था. ठेके की निर्धारित शर्तों के तहत दोनों ने जो अर्नेस्ट मनी और ठेके के लिए बंधक के तौर पर बैंक में जो गारंटी रखी इसके लिए दोनों ने 7000 हजार रुपये का डिमांड ड्राफ्ट बनवाया जिसे हेराफेरी कर 70 लाख रुपये का बना दिया. इसी तरह 47 हजार की बैंक गारंटी को 4.70 करोड़ की बना कर जमा करवा दिया. ठेके की प्रक्रिया के बाद अफसरों ने जांच की और दुकान लाइसेंस जारी कर दिया. बाद में जब ठेके की रकम की पड़ताल हुई तो यह पूरा घोटाला उजागर हुआ. इस मामले में डिप्टी कमिश्नर संजय तिवारी और असिस्टेंट कमिश्नर राज नारायण सोनी की भूमिका की जांच की जा रही थी. हालांकि, जांच के समय दोनोंं ही अफसरों ने शराब कारोबारियों से मिलीभगत से साफ मना किया और विभाग के सामने यह दर्शाने की कोशिश की कि उन्होंने जांच करवा कर केस दर्ज करवा दिया है. इस मामले में इंदौर के रावजी बाजार थाने में प्रकरण दर्ज होने के बाद दोनों शराब कारोबारी फरार हो गए थे.