इंदौर।अनियमित दिनचर्या और व्यवस्थित खानपान से जहां दुनिया भर में हृदय रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, वहीं हार्ट फैलियर की स्थिति में ऐसे मरीजों को बचा पाना मुश्किल हो रहा है. फिलहाल चिकित्सा विज्ञान ने अब इंपैला नामक ऐसा मेडिकल डिवाइस विकसित किया है, (Impella Heart Surgery Hospital In Indore)जिसमें टेंपरेरी आर्टिफिशियल हार्ट (Temporary Artificial Heart) के जरिए हार्ट फेलियर के मरीजों को बचाना संभव हो गया है.(Indore Artificial Heart) मध्य भारत के इंदौर में ख्यात कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर सरिता राव और रोशन गांव की टीम ने पहली बार एक मैकेनिकल हार्ट से ऐसे मरीज की जान बचा ली है, जिसका दिल महज 5 % ही धड़क रहा था और उसे बचा पाना लगभग असंभव था.
खत्म हो गई थी जिंदा रहने की संभावना:हार्ट फेल से जूझ रहे 5 बच्चों के पिता को टेम्परेरी अर्टिफिशियल हार्ट ने नया जीवन दिया है. मरीज का हार्ट केवल 5 प्रतिशत ही काम रहा था, यह सबसे कमजोर केस में से एक माना जा रहा है. इसमें किसान मरीज के जिंदा रहने की संभावनाएं लगभग खत्म हो गई थी. (Indore Heart Surgery) इस प्रोसेस को 'एशिया-पेसेफिक' इंटरनेशनल कांफ्रेंस में लाइव दिखाया गया, डॉक्टरों ने उन्हें सबसे उन्नत लेफ्ट वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस "इम्पेला" का उपयोग कर उनकी जान बचाई. खास बात यह कि इस टेक्नोलॉजी का सेंट्रल इंडिया में पहली बार उपयोग हुआ है, मरीज को ट्रीटमेंट के चौथे ही दिन डिस्चार्ज कर दिया.
देश में तैयार हो रहा आर्टिफिशियल हार्ट, दिल के मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत
तीन हार्ट थे ब्लॉकेज: मामला सुजालपुर के 50 वर्षीय किसान अर्जुन का है, वे पहले से ही डायबिटिक पेशेंट हैं. उन्हें पहले भी दो बार हार्ट अटैक आ चुका था. जिसके कारण उनका हार्ट कमजोर हो गया था. 25 जुलाई को उन्हें फिर सीने में दर्द होना शुरू हुआ. इस पर वे अपनी एक हफ्ते पुरानी इकोकार्डियोग्राफी और एंजियोग्राफी की रिपोर्ट्स लेकर एक प्राइवेट अस्पताल में दिखाने पहुंचे. डॉक्टरों ने उनकी सारी रिपोर्टस देखी और चेकअप किया. यहां डॉ के. रोशन राव और डॉ. सरिता राव की टीम ने डायग्नोस किया कि उनके उनके पास ज्यादा समय नहीं है क्योंकि हार्ट में तीन ब्लॉकेज थे. इसके साथ ही उनका हार्ट पंपिंग सिर्फ 5% काम करने के कारण समय तेजी से खत्म हो रहा था. टीम ने हार्ट ट्रांसप्लांट सहित अन्य कई विकल्पों के बारे में सोचा लेकिन पेशेंट की स्थिति और स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए उपलब्ध सभी विकल्प उनके लिए ठीक नहीं थे.