इंदौर।इंदौर के 6 हजार हेल्थ वर्कर्स, फ्रंट लाइन वर्कर्स और तमाम विभागों के ऐसे अधिकारी कर्मचारी जिन्होंने बूस्टर डोज नहीं लगवाया है, उनका जनवरी माह का वेतन अभी नहीं मिलेगा. बिना बूस्टर डोज टीके के किसी भी अधिकारी, वर्कर्स और कर्मचारी को वेतन नहीं दिया जाएगा. इनका वेतन तब तक नहीं जारी होगा जब तक ये लोग बूस्टर डोज लगाकर इसका सर्टिफिकेट नहीं दिखांगे. करीब 6,000 अधिकारियों कर्मचारियों का वेतन रोक लिया गया है, जबकि शेष विभागों के अन्य कर्मचारियों अधिकारियों को लेकर भी पड़ताल की जा रही है.
फील्ड में जाने वाले अधिकारी कर्मचारियों पर फोकस
बूस्टर डोज लगवाने के लिए उन विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों को पहले चिन्हित किया गया है जो फ्रंटलाइन में काम कर रहे हैं. हेल्थ वर्कर्स के रूप में वे लोग हैं जो विभिन्न सरकारी अस्पतालों से जुड़े हैं. इसके अलावा फ्रंट लाइन वर्कर्स के रूप में जिला पंचायत, नगर निगम, पुलिस, बीएसएफ, विभिन्न बटालियन, सहकारी, कृषि आदि विभाग से जुड़े हैं. इस मामले में कलेक्टर ने ट्रेजरी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इनका वेतन तब ही जारी किया जाए जब यह लोग बूस्टर डोज लगवा लेंगे. मामले में पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने भी विभाग को निर्देश दिया है कि, वह ऐसे पुलिसकर्मियों का वेतन तब ही जारी करें जब उन्होंने बूस्टर डोज लगवा लिया हो.
कलेक्टर ने सख्ती के दिए थे निर्देश
दरअसल, इंदौर जिले को पूर्ण रूप से वैक्सीनेटेड करने के लिहाज से इंदौर जिला प्रशासन ने सभी विभागों के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे कि, कोरोना वायरस के दूसरे डोज के बाद तीसरे और प्रिकॉशन डोज लगवाना सभी को जरूरी है. ऐसा नहीं करने वालों को वेतन नहीं दिया जायेगा. मुख्य रूप से प्राइवेट अस्पतालों, पैथोलॉजी लैब और डायग्नोस्टिक सेंटर के कर्मचारियों, डॉक्टरों, नर्सों आदि को भी इस श्रेणी में रखा गया था.