इंदौर। स्वच्छता में देश में सिरमौर इंदौर अब पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अपना परचम लहराने जा रहा है. इंदौर में एशिया का सबसे बड़ा बायो सीएनजी प्लांट बनाया गया है. जहां कचरे से ऊर्जा बनाने की अकल्पनीय सोच को साकार किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार (19 फरवरी) को इस प्लांट का लोकार्पण करेंगे. इसमें सीएम शिवराज सिंह चौहान भी वर्चुअली शामिल होंगे. इंदौर कचरे से उच्च कोटि की सीएनजी गैस तैयार करके शहर के पब्लिक ट्रांसपोर्ट को भी प्रदूषण मुक्त करने जा रहा है. इंदौर नगर निगम ने यूरोप और यूके की एक कंपनी के साथ मिलकर बायो मीथेन प्लांट स्थापित किया है. इसके शुभारंभ के लिए पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) दोपहर एक बजे वर्चुअली जुड़ेंगे. इस दौरान प्रधानमंत्री इंदौर के अलावा भोपाल और देवास के स्वच्छता अभियान से जुड़े प्रतिनिधियों से भी चर्चा करेंगे.
तैयारियों में जुटा प्रशासनिक अमला
बायो मीथेन प्लांट की स्थापना 2 साल पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने की थी. प्लांट के शुभारंभ के साथ ही इंदौर देश का पहला ऐसा शहर होगा जो गीले और सूखे कचरे (wet and dry garbage) का सफल निष्पादन करते हुए कचरे से भी करोड़ों की कमाई करेगा. नगर निगम की कमिश्नर प्रतिभा पाल ने बताया कि ये संयंत्र रोज 18 हजार लीटर बायो सीएनजी के साथ-साथ 100 टन अच्छी गुणवत्ता वाली सिटी कम्पोस्ट भी तैयार करेगा. शहर की 400 डीजल बसों के स्थान पर इतनी ही नई सीएनजी से चलने वाली बसें चलाई जाएंगी.
कई शहरों की पड़ताल के बाद इंदौर को चुना
भारत सरकार के साथ यूरोप और यूके की ज्वाइंट वेंचर वाली कंपनी एनवायरन ने भारत में उन शहरों की पड़ताल की थी जहां प्लांट को सफलतापूर्वक चलाया जा सके और जहां गीले और सूखे कचरे का सैरीगेशन प्लांट की जरूरत के माध्यम से होता हो. देश के कई शहरों से एकत्र किए गए 200 सैंपल के बाद जब इंदौर के कचरे के सैंपल से मिलान किया गया तो इंदौर के गीले कचरे में 99% शुद्धता पाई गई. जिसके बाद 2 साल पहले कंपनी ने यहां प्लांट लगाने की सहमति देते हुए यहां ट्रेंचिंग ग्राउंड परिसर में प्लांट की स्थापना की. जब यहां टेस्टिंग के दौरान कचरे से बायो मीथेन और सीएनजी गैस बनाई गई उसकी शुद्धता भी सर्वाधिक 96% पाई गई.
कचरे से करोड़ों की कमाई करेगा नगर निगम