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Indore: अलग-अलग राज्यों से आई 24 युवतियों ने विश्व कल्याण के लिए शिव को स्वीकारा साजन, लिए सात फेरे

MP के इंदौर में आज अलग-अलग राज्यों की 24 ब्रह्माकुमारी बहनों ने एक भव्य समारोह में विश्व कल्याण और समर्पण की राह स्वीकार कर भगवान शिव को अपने साजन के रूप में स्वीकार किया. इस दौरान सभी बेटियों को दुल्हन की तरह सजाया गया और उन्होनें भगवान शिव को अपना वर मानते हुए भगवान शिव के साथ फेरे भी लिए.

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Published : Oct 8, 2022, 11:00 PM IST

Updated : Oct 8, 2022, 11:05 PM IST

Grand ceremony of Brahma Kumari in Indore
इंदौर में ब्रह्माकुमारी का भव्य समारोह

इंदौर। आधुनिक जीवन में बढ़ती निराशा और भटकाव के कारण मोहमाया छोड़कर अब कई युवा आध्यात्मिक सुख के लिए मुक्ति का मार्ग तलाश रहे हैं. इंदौर में इसी तलाश की साक्षी बनीं 24 ब्रह्माकुमारी बहनें, जिन्होंने एक भव्य समारोह में विश्व कल्याण और समर्पण की राह स्वीकार कर भगवान शिव को अपने साजन के रूप में स्वीकार किया. इस दौरान सभी बेटियों के विवाह की तरह ही विदाई समारोह भी आयोजित हुए, जिसमें उनके परिजनों ने उन्हें विश्व कल्याण के लिए समर्पित जीवन की शुभकामनाएं देते हुए भावभीनी विदाई दी.

24 बेटियों ने ब्रह्माकुमारी बनने का संकल्प लिया

24 बेटियों ने ब्रह्माकुमारी बनने का संकल्प लिया: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय इंदौर के अलावा ब्रह्माकुमारी विश्वविद्यालय की शाखाएं देशभर में मौजूद हैं. जिनमें ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए विश्व कल्याण की कामना के साथ सेवा कार्य के प्रकल्प संचालित होते हैं. इन प्रकल्पों से जुड़ने के साथ सांसारिक जीवन के भटकाव से मुक्ति के लिए हर साल बड़ी संख्या में ब्रह्माकुमारी बहनें समर्पण की राह पर चलने का संकल्प लेती हैं. इसी क्रम में आज इंदौर में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान आदि राज्यों के करीब 7000 लोगों की मौजूदगी में विभिन्न राज्यों की 24 बेटियों ने अपने घर परिवार का त्याग करते हुए ब्रह्माकुमारी बनने का संकल्प लिया. इस दौरान सभी बेटियों को दुल्हन की तरह सजाया गया था. इसके अलावा उनके परिजन भी विदाई समारोह में अपनी बेटी को ब्रह्माकुमारी बनकर समर्पण और विश्व कल्याण की राह पर बधाई देते नजर आए.

सभी 24 युवतियों को दुल्हन के रूप में सजाया गया

सभी युवतियों को दुल्हन के रूप में सजाया गया: 24 बेटियों ने भगवान शिव को अपना वर मानते हुए भगवान शिव के साथ फेरे भी लिए. इस दौरान सभी ने ब्रह्मचर्य व्रत का पालन का संकल्प लेते हुए आजीवन समर्पण एवं संकल्प के मार्ग पर चलने का प्रण लेते हुए स्वयं को ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की सेवा में समर्पित कर दिया. इस अवसर पर इंदौर जन की निर्देशिका राजयोगनी आरती दीदी ने बताया कि, 24 परिवारों ने आज अपनी बेटियों को समर्पण की राह पर चलने से लिए परमात्मा को समर्पित किया है. 24 बेटियों ने संकल्प की राह पर चलने की प्रतिज्ञा की है, जिन्हें उनके माता-पिता की अनुमति से ही विश्व कल्याण की राह पर चलने का संकल्प दिलाया गया है.

इंदौर जोन में 500 ब्रहमकुमारी समर्पण की राह पर: 7 दिन के राजयोग के बाद सभी बहनों को 3 साल तक ट्रायल में रखा गया था. इस दौरान की दिनचर्या नियम, संयम और अध्यात्म के प्रति रुचि भी देखी गई. जब वह ईश्वरीय विश्वविद्यालय की सभी मर्यादाओं पर खरे उतरने के बाद 2 साल के फाइनल ट्रायल के पश्चात उन्हें ब्रहमचर्य व्रत के पालन और स्वयं के समर्पण के लिए दीक्षा दी जाती है. इस बीच यदि कोई बहन स्वेच्छा से सांसारिक जीवन में जाना चाहती हो तो वह आसानी से जा सकती है, इसके लिए कोई बंधन नहीं है. इसके अलावा सभी कुमारियों को ब्रह्माकुमारी विश्वविद्यालय के माउंट आबू स्थित केंद्र पर एक महीने की विशेष ट्रेनिंग दी जाती है. जिसमें उन्हें नियम, मर्यादाएं के साथ ही दिनचर्या के अलावा इस कल्याण के लिए समर्पित जीवन जीने की राह दिखाई जाती है.

Last Updated : Oct 8, 2022, 11:05 PM IST

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