भोपाल:धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जिस व्यक्ति को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त हो उसे कभी भी कोई कष्ट नहीं होता और उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. सोमवार का व्रत करने से कुंडली में चन्द्रमा की स्थिति मजबूत होती है और चंद्र ग्रह के दोष दूर होते हैं. कहा जाता है की भोलेनाथ को प्रसन्न करना इतना आसान नहीं है, परंतु शिवरात्रि का व्रत कर देवों के देव महादेव को प्रसन्न किया जा सकता है. भगवान शिव की प्रसन्नता लिए सोमवार, मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत (masik shivratri and pradosh vrat puja vidhi) करना श्रेयस्कर होता है. मान्यताओं के अनुसार मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत भगवान शिव को बेहद प्रिय है. प्रत्येक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि का पावन व्रत किया जाता है. भगवान शिव इस दिन अपने भक्तों की अधूरी मनोकामना जरूर पूरी करते हैं.
मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव के भक्तों के लिए प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली मासिक शिवरात्रि काफी महत्वपूर्ण होती है. यदि मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शंकर की विधि-विधान से व्रत पूजा की जाए तो (importance of masik shivratri) विशेष पुण्य मिलता है.
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ऐसा माना जाता है कि मासिक शिवरात्रि पर शिव जी को प्रसन्न करना बहुत ही आसान है. भगवान शिव केवल सामान्य जलाभिषेक और पूजा-अर्चना से ही खुश हो जाते हैं. शिवरात्रि का व्रत अत्यंत शुभ और फलदाई माना जाता है. जो भी व्यक्ति उपवास करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, उसे कभी भी कोई (importance of masik shivratri) कष्ट नहीं होता. मनचाहे वर और शादी में आ रही रुकावटों को दूर करने के लिए यह व्रत किया जाता है. प्राचीन काल में माता लक्ष्मी, रुकमणी आदि देवियों ने भी भोलेनाथ की पूजा-अर्चना के लिए यह व्रत किए थे.
सोमवार-मासिक शिवरात्रि के व्रत की विधि