इंदौर। शहर में गेर का आयोजन इस बार भव्य तरीके से होगा. रंग पंचमी के दिन निकाले जाने वाले गैर के आयोजन की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. इस बार 200 सीसीटीवी कैमरे 500 दूरबीन और 20 ड्रोन कैमरे से नजर रखी जाएगी, ताकि आयोजन में कोई भी विघ्न ना हो सके. कोरोना के चलते पिछले 2 साल से इंदौर की प्रसिद्ध गेर नहीं निकल पा रही थी. इस बार कोरोना नियंत्रण में है इसलिए इंदौर जिला प्रशासन और राज्य सरकार ने आयोजन को परंपरागत एवं भव्य रूप देने की तैयारी की है.
क्यों निकाली जाती है गैर ?
मालवा अंचल में रंगपंचमी के दिन परंपरागत गेर निकाले जाने का इतिहास रहा है. यह इंदौर के अलावा देवास, उज्जैन, ग्वालियर, भोपाल, सागर, सतना, रीवा आदि जगह पर भी निकाली जा रही है. माना जाता है कि इसे निकालने की परंपरा ब्रज की होली से शुरू हुई है, हालांकि इसकी शुरुआत होलकर राजवंश के लोगों द्वारा की गई थी. जिसमें राज परिवार के लोग जुलूस की शक्ल में भ्रमण करते हुए लोगों के साथ होली खेलते थे. यह परंपरा शहर के नागरिकों द्वारा निभाई जाती है. इंदौर के टोरी कॉर्नर से जुलूस की शक्ल में एक दूसरे पर रंग डालते हुए गेर निकालते हैं, जो शहर के राजवाड़ा तक पहुंचती है.