इंदौर। शहर में वायु प्रदूषण रोकने के बाद एक और नवीन कार्य होने जा रहा है. शहर के जल स्तर को बढ़ाने के लिए जन आंदोलन की शुरुआत की जा रही है. शहर के तमाम नागरिकों ने भूजल स्तर बढ़ाने की शपथ लेने के साथ ही भू जल संरक्षण अभियान की शुरुआत की. नगर निगम की इस पहल के चलते आगामी 2 माह में 3 वार्डों को 100 फीसदी रेन वाटर हार्वेस्टिंग वाले वार्ड में तब्दील कर दिया जाएगा. इसके अलावा शहर के पारंपरिक जल स्रोतों को भी सहेजने के व्यापक प्रयास होंगे.
इंदौर में गिरा भूजल का स्तर: इंदौर समेत पूरे मालवांचल में तेजी से बढ़ती आबादी और हजारों की तादाद में होने वाले बोरिंग के कारण भूजल का स्तर तेजी से गिरा है. इंदौर समेत कई जिले ऐसे हैं जो भूजल स्तर के लिहाज से रेड जोन में पहुंच चुके हैं. फिलहाल स्थिति यह है कि भूजल का स्तर बोरिंग की खुदाई पर 1000 फिट तक पहुंच रहा है जो पहले 70 से 80 फिट था. ऐसी स्थिति में इंदौर नगर निगम अब भूजल के स्तर को बढ़ाने का व्यापक अभियान शुरू कर रहा है.
क्यों अनिवार्य है रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना ? : इंदौर को भूजल स्तर के डार्क जोन से बचाने के लिए नगर निगम रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य कर रहा है. इस अभियान में तय किया गया है कि वर्ष 2025 तक शहर के भूजल स्तर को तेजी से सुधार कर अपने पुराने स्वरूप में लाया जाए. रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने से आगामी बारिश में पानी को सहेजा जाए, जिससे भूजल का स्तर बढ़ सके. शुरुआती दौर में नगर निगम ने 3 वार्ड तय किए हैं. जिनके तहत हर घर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट लगाई जाएगी.