इंदौर।दशहरे के दिन रावण का दहन किया जाता है, लेकिन इंदौर के परदेशीपुरा क्षेत्र में रावण का मंदिर है. यहां दशहरे के दिन विधि विधान से रावण की पूजा की जाती है. पूजन कर देश और प्रदेश की खुशहाली की कामना की जाती है. वहीं रावण की विभिन्न तरह की खूबियों को देखते हुए इंदौर के परदेशीपुरा क्षेत्र में रहने वाले एक परिवार ने रावण के मंदिर का निर्माण करवाया है, यहां पर बड़ी सी रावण की प्रतिमा भी लगाई गई है और सुबह शाम यहां रावण की आरती होती है. (dussehra 2022) (ravan temple in pardesi pura indore)
इंदौर का शख्स करता है रावण का पूजा:परदेशीपुरा क्षेत्र में रहने वाले महेश गोहर ने दशहरे के दिन रावण का पूजन किया. यहां के एक कॉलोनी में रावण का मंदिर बनाया गया है. यहां पर दशानन कि सुबह शाम आरती की जाती है. वहीं मंदिर का निर्माण करवाने वाले महेश गौहर का कहना है कि उनके मामा मंदसौर के रहने वाले थे. करीब 50 साल पहले जब वे वहां पर गए तो देखा कि लोग रावण की पूजा कर मन्नत मांग रहे थे. इसके बाद उन्होंने रावण के बारे में विभिन्न तरह की जानकारियां निकाली. इसमें एक गलती को छोड़ दी जाए तो रावण खूबियों से भरा हुआ था. इसी वजह से जब वे मंदसौर से लौटे तो उन्होंने रावण की पूजा शुरू कर दी. (indore man worship ravan)
रावण के मंदिर का कराया निर्माण: महेश गोहर ने रावण की पूजा करने के साथ ही अपने घर से कुछ ही दूरी पर रावण के मंदिर का निर्माण भी करवाया. इसके साथ ही महेश ने अपने परिजनों के नाम भी रावण के परिवार से मिलते जुलते रखे हैं. जिस तरह से रावण के परिवार में उनके लड़के का नाम मेघनाथ था, तो उन्होंने भी अपने लड़के का नाम मेघनाथ ही रख दिया. पोते का नाम लंकेश रखा. इसी तरह से रावण की बहन रूप तारा थी, लेकिन भगवान लक्ष्मण द्वारा नाक काट देने के कारण उनका नाम सूपनखा हो गया. उसी के नाम पर महेश गोहर ने अपनी पोती का नाम रूप तारा रखा लिया.