धार।मप्र के आदिवासी बहुल जिले धार में अंधविश्वास का एक मामला सामने आया है. यहां हाई टेंशन बिजली लाईन की चपेट में आने से एक मज़दूर की दर्दनाक मौत हो गई. इसके बाद गांव वालों ने उसके शव को कीचड़ में लपेट कर कई घंटों तक उसकी बॉडी मिट्टी में दबा कर रखा. उनका मानना था कि गीली मिट्टी शरीर से सारा करंट खींच लेगी और मजदूर जिंदा हो जाएगा. पुलिस को जब इस पूरे मामले की जानकारी हुई तो कुछ पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे, लेकिन गांव वालों ने उन्हें शव नहीं सौंपा. जिसके बाद काफी समझाइश देने और जद्दोजहद के बाद पुलिस ने शव को पोस्ट मार्टम के लिए पहुंचाया.
अंधविश्वास: करंट लगने से हुई युवक की मौत मकान की छत डालने के दौरान नाप रहे थे सरिया
मृत मज़दूर पास ही के एक गांव का रहने वाला है. जो सागौर गांव में पीएम आवास योजना के तहत बन रहे एक मकान के काम में मजदूरी कर रहा था. इसी दौरान मकान की छत डालने के लिए सरिया की नपाई की जा रही थी. इसी दौरान सरिया नापने वाली स्टील की टेप पास से निकल रही हाई टेंशन लाइन को छू गई. टेप का दूसरा सिरा सलमान नाम के मजदूर के हाथ में था जिससे वह भी करंट की चपेट में आ गया जिससे उसकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई.
अंधविश्वास: करंट लगने से हुई युवक की मौत अंधविश्वास के चलते गीली मिट्टी में दबाया शव
जानकारी के मुताबिक हादसा सुबह लगभग 10 बजे हुआ था. मकान मालिक ने मृतक के परिजनों को इसकी सूचना दी और शव को मौके से उठाकर कुछ ही दूर ऑटो टेस्टिंग ट्रेक की जमीन पर शव को रखकर उसपर कीचड़ लपेट दिया. गांव वालों का कहना था कि करंट से मौत होने पर ऐसा करने से आधे घंटे में मृत व्यक्ति जिंदा हो जाता है. घटना की सूचना पर थाना प्रभारी घटनास्थल पंहुचे तो पता चला कि मृतक के परिजन उसके शव को गाँव ले गए हैं. थाना प्रभारी ने जब उनसे पीएम के शव देने को कहा तो परिवार वालों ने इंकार कर दिया और कहा कि गीली मिट्टी शरीर का करंट मिट्टी खींच लेगी और हमारा बेटा अभी जिंदा हो जाएगा. मौके की नजाकत को समझते हुए थाना प्रभारी ने मजदूर के परिजनों को समझाया जिसके बाद शव को पीएम के लिए ले जाया गया.