इंदौर।इंदौर में कोरोना का कोहराम जारी है, लेकिन रह-रह कर सवाल यही उठ रहा है, कि देश के सबसे स्वच्छ शहर में आखिर ऐसी क्या कमी रह गई. जिसके चलते कोरोना ने इंदौर को अपना हब बना लिया. लेकिन कहीं-न-कहीं लापरवाही जरूरी हो रही है जो इंदौर इस वक्त कोरोना काल से जूझ रहा है.
इंदौर की एक गलती से विंध्य पहुंचा कोरोना, अधिकारी एक-दूसरे पर फोड़ रहे ठीकरा - सतना न्यूज
कोरोना से जूझ रहे इंदौर में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया. शहर के टाट पट्टी बाखल इलाके में जिन लोगों ने स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला किया था. पुलिस ने उन आरोपियो को गिफ्तार कर उनकी थर्मल स्क्रीनिग कराई, लेकिन उस वक्त आरोपियों में कोरोना के कोई लक्षण नजर नहीं आए. जिसके बाद आरोपियों को सतना और जबलपुर जेल भेज दिया गया. लेकिन यहां उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.
इंदौर के चंदन नगर में पुलिस कर्मियों पर हमला करने वाले आरोपियो की कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटीव आई है, जब पुलिस ने आरोपियो को गिफ्तार किया उस समय सभी की थर्मल स्केनिग की गई, उस दौरान किसी तरह के कोई लक्षण इन आरोपियो में नजर नहीं आये. जिसके बाद उन्हें सतना और जबलपुर जेल भेज दिया गया, लेकिन यहां पर जब दोनो जेल प्रबंधकों ने इन आरोपियो की जांच करवाई तो उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई. जिसके बाद अब प्रशासन अपनी गलती एक दूसरे से डालने की कोशिश कर रहा है.
इंदौर के पुलिस मुखिया डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्र से जब आरोपियो की जांच करवाई गई थी. तब कुछ नहीं मिला लेकिन बाद में उनकी रिपोर्ट पाजिटिव आई. घटना के बाद जिस थाने में आरोपियो को रखा गया था उसे भी सेनिटाइज कर दिया गया है. जबकि इन्हें गिरफ्तार करने वाले पुलिसकर्मियों को भी क्वारेनटाइन करवाया गया है. वही जब इस पूरे ही मामले में इंदौर आईजी से सवाल किए गए तो उनका कहना था कि जेल के प्रोटोकॉल के तहत यह नियम आता है. उनका कहना था कि थर्मल एस्केनिग की जाती है और उस दौरान किसी मे लक्षण नजर आते है तो उसको अलग रखा जाता है. लेकिन तब ऐसा नहीं हुआ. यानि आईजी ने पूरे मामले का ठीकरा जेल प्रशासन पर फोड़ दिया.