इंदौर। मध्य प्रदेश का इंदौर वो शहर है, जिसने स्वच्छता के मामले में देश दुनिया में अपना लोहा मनवाया है. साथ ही देश और दुनिया को वेस्ट मैनेजमेंट का पाठ पढ़ाने वाला यह शहर अब अपने उपयोग की हर सामग्री में इसी अवधारणा का उपयोग कर रहा है. इसका सबूत है विभिन्न चौराहों पर लगे डिजाइनर आर्ट मोन्यूमेंट्स , जो स्वच्छता का संदेश दे रहे हैं.
वेस्ट मटेरियल से बनाई दांडी यात्रा की पेंटिंग
इंदौर के लैंटर्न चौराहे पर कलात्मक मोनुमेंट्स अनुपयोगी पानी की बोतलें, फेंसिंग से निकली हुई जाली और नगर निगम के वर्क शॉप के अनुपयोगी गाड़ी के पार्ट्स से तैयार किया गया है. स्वच्छता के उजियारे का संदेश देने वाला यह बल्ब लोगों को आकर्षित कर रहा है. इसी तरह स्क्रैप आर्टिस्ट सुनील व्यास ने पहली बार नगर निगम के अनुपयोगी कचरे से 16 फीट बाई 32 फीट की दांडी यात्रा को दर्शाने वाली पूरी पेंटिंग तैयार की है, जो शहर के नव लखा चौराहे पर लगी है. इस पेंटिंग को देखकर लोग आश्चर्यचकित हो रहे हैं.
वेस्ट मटेरियल से सजाया प्लांट
वेस्ट मैनेजमेंट को दर्शाने के लिए इंदौर नगर निगम ने जो प्रयोग किए हैं, वह अब एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट के शुभारंभ अवसर पर आगंतुकों के लिए स्वागत सत्कार का माध्यम भी बन रहे हैं. स्वच्छता के प्रेरक बने गांधी जी के दांडी यात्रा के दृष्टांत को दर्शाने वाली यह विशाल पेंटिंग सुनील व्यास और अन्य आठ लोगों ने केवल एक महीने में तैयार की है. स्थानीय ट्रेंचिंग ग्राउंड पर जहां यह प्लांट स्थापित किया गया है उसके दोनों और कई सामग्री, अनुपयोगी पत्थर एवं लोहे की जालियों से तरह-तरह के फूल एवं सुंदर मोनुमेंट्स तैयार किए गए हैं.