इंदौर। स्वच्छता रैंकिंग में लगातार तीन बार नंबर वन रहने वाले इंदौर शहर में इन दिनों बदबू से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. स्वच्छता रैंकिंग में भले ही इस शहर हैट्रिक लगा चुका हो, लेकिन इस दुर्गंध ने तमाम दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. बदबू से आम लोगों का सांस लेना भी दूभर होता नजर आ रहा है. जहां एक तरफ इस समस्या से जनता परेशान है, तो वहीं शासन- प्रशासन इस मामले से अंजान है. दरअसल शहर के कई इलाकों में शाम के समय आने वाली दुर्गंध से लोग परेशान हो रहे हैं. इस परेशानी ने आम जनता के नाक में दम कर दिया है.
स्वच्छता रैंकिंग नंबर वन शहर के लोगों का बदबू से जीना हुआ मुहाल बदबू इस कदर दिनोंदिन बढ़ती जा रही है कि इसको लेकर पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन से लेकर कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट और जीतू पटवारी तक अधिकारियों को तलब कर चुके हैं, लेकिन अभी तक इस दुर्गंध से नगर निगम अंजान है. ये बदबू किस वजह से आ रही है इसका पता अभी तक नगर निगम के अधिकारी लगा पाए हैं. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम इस चुनौती से निपटने के लिए खुद को तैयार कर रहा है, लेकिन किसी विभाग के पास कोई ठोस उपाय नहीं है.
दम घोटने वाली बदबू बनी मुसीबत का सबब
दम घोटाने वाली बदबू लोगों के लिए परेशानी बन चुकी है. इस समस्या का अभी तक समाधान नहीं निकाला जा सका है. हालात ये है कि, इस दुर्गंध से लोगों का दम घुटने लगा है. हालांकि दुर्गंध की ट्रेंचिंग ग्राउंड को बताया जा रहा है, लेकिन नगर निगम अधिकारी इसे मानने से इनकार कर रहे हैं.
प्रशासन बना अंजान
इस मामले पर शहर के महापौर का कहना है कि, अभी तक किसी प्रकार की जानकारी नगर निगम के अधिकारियों के पास नहीं है, लेकिन वे दुर्गंध का पता लगाने में जुटे हैं. नगर निगम के द्वारा शहर के अलग-अलग इलाकों में फैली दुर्गंध की जांच की जा रही है, लेकिन अभी भी इस दुर्गंध की कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है. इतना ही नहीं शहर में जगह जगह बनाए गए कचरा ट्रांसफर स्टेशनों की भी जांच की जा रही है. अधिकारियों का मानना है कि, शहर में कहीं पर किसी गैस रिसाव के कारण भी ये बदबू आ सकती है, लेकिन किसी भी विभाग के किसी भी अधिकारी के पास कोई ठोस जवाब नहीं है.
स्वच्छता का ब्रांड बन चुके शहर के अधिकारी इस दुर्गंध का पता लगाने में असमर्थ है. इतना ही नहीं नगर निगम के अधिकारी भी इस मामले से खुद को अंजान बता कर पल्ला झाड़ रहे हैं.