इंदौर। 'क्लीन इंदौर' की ओर कदम बढ़ाते हुए इंदौर नगर निगम ने शहर की कई कचरा गाड़ियों को डीजल से इलेक्ट्रिक गाड़ी में तब्दील किया है. अब कोशिश की जा रही है कि शहर के सभी वार्डों में पुराने वाहनों को अपग्रेड करके उनके स्थान पर इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग किया जाए. Clean City Indore इसी क्रम में आज इलेक्ट्रिक वाहनों के जरिए कचरा कलेक्शन की शुरुआत की गई, स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने खुद इलेक्ट्रिक वाहन चलाकर नगर निगम कर्मचारियों को उक्त वाहन सौंपा. आइए जानते है कैसे मेंटेन होती है स्वच्छता-
ऐसे होती है स्वच्छता मेंटेन:
- नगर निगम के 11 हजार 364 कर्मचारी रोज 1200 टन कचरा उठाते हैं.
- शहर की साफ सफाई और सड़कों की धुलाई रात तीन बजे से होती है.
- इंदौर देश का पहला वॉटर प्लस शहर बना.
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- नाला टेपिंग की वजह से स्वच्छ हुआ शहर.
- शहर की कान्ह और सरस्वती नदियों समेत 27 नालों को सीवर मुक्त किया गया.
- सीवरेज वाटर का ट्रीटमेंट कर पानी सड़क धुलाई, गार्डन और खेती के काम में लिया जाता है.
- सार्वजनिक टॉयलेट की सफाई के लिए सेंसर लगाए गए हैं.
- सेंसर से गंदगी का स्तर सीधे कंट्रोल रूम में दर्ज होता है और सफाई करने वाली टीम को मौके पर भेज दिया जाता है.
-टॉयलेट के आसपास हरियाली और पेंटिंग करवाकर खूबसूरत बनाया गया है.
-शहर की 700 दीवारों पर थ्री-डी पेंटिंग लगाई गईं हैं.
- शहर के प्रमुख चौराहों, सड़कों, नदी, किनारों और बगीचों में स्वच्छता के संदेश लिखे गए हैं.
-दीवारों पर कोरोना वॉरियर की थ्री-डी पेंटिंग भी बनाई गईं है.
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-सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी फैलाने वालों पर भी स्पॉट फाइन की व्यवस्था की गई है.
- शराब अहातों पर भी यूरिनल बनाए गए, कचरे के लिए रखवाए गए डस्टबिन.
- शहर में हुआ 4 आर गार्डन का निर्माण.
-डिस्पोजल फ्री बाजार बनाए गए, 56 दुकान और सराफा चौपाटी से हुई शुरूआत.
- जीरो वेस्ट वार्ड बनाने पर रहा जोर.
- कचरा उठाने में लगे वाहनों की मॉनिटरिंग के लिए जीपीएस ट्रेकिंग.