इंदौर।कोरोना महामारी के चलते देशभर में आम जनजीवन पर खासा प्रभाव पड़ा है, कोरोना महामारी के चलते किए गए लॉकडाउन का प्रभाव व्यवसायिक गतिविधियों पर भी देखने को मिल रहा है. इस लॉकडाउन में केटरिंग के व्यवसाय को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. केटरिंग व्यवसाय वैसे तो दो तरह से संचालित किया जाता है, एक तो खाना बना कर देने का काम, वहीं दूसरा सर्विस केटरिंग का काम. जिसमें लोग मेहमानों को खाना परोसने का काम करते हैं.
केटरिंग व्यवसाय और सर्विस केटरिंग के लिए कॉरपोरेट सेक्टर और आईटी कंपनियां व्यवसाय का एक बड़ा माध्यम हैं. बड़े-बड़े आयोजनों के दौरान केटरिंग व्यवसाय करने वाले लोगों को रोजगार मिलता है, लॉकडाउन के कारण कई व्यवसायिक गतिविधियां संचालित नहीं होने के कारण इन्हें रोजगार नहीं मिला. वहीं अनलॉक-1 के बावजूद भी इनके सामने रोजगार की समस्या बनी हुई है. केटरिंग व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि वर्तमान में लोग बाहर के खाने को पसंद नहीं कर रहे हैं. वहीं कई कंपनियों में अब भी कर्मचारी घर पर रहकर ही काम कर रहे हैं, ऐसे में अब भी लॉकडाउन जैसी स्थिति बनी हुई है.