इंदौर। देशभर में स्वच्छता की मिसाल कायम कर रहा है इंदौर अब सब्जी मंडी से रोज निकलने वाले फल सब्जी के कचरे से मीथेन गैस बनाकर शहर में लोक परिवहन के लिए सिटी बसें चला रहा है. इतना ही नहीं कचरे से मीथेन बनने के बाद जो अवशिष्ट बच रहा है उसे भी बायो कंपोस्ट खाद में बदलकर बेचे जाने से नगर निगम को सालाना 12 से 13 लाख रुपए की कमाई भी हो रही है.
सब्जी के कचरे से चलती हैं बसें
बढ़ेगी प्लांट की क्षमता
प्लांट में उत्पादित 700 किलोमीटर गैस का उपयोग शहर में लोक परिवहन के लिए चलने वाली 10 से 12 सिटी में किया जाता है. जबकि बाकी की गैस से प्लांट का जनरेटर चलाया जाता है. हालांकि इस वर्ष नगर निगम मिथेन प्लांट की क्षमता 20 से बढ़ाकर 40 टन करने जा रहा है जिससे करीब दो दर्जन बसें शहर में चलाई जा सकेगी.
रोजाना 800 लीटर गैस का उत्पादन
स्वच्छता सर्वेक्षण में बीते 3 सालों से हैट्रिक लगाने वाला इंदौर सब्जी मंडी के फल सब्जी के कचरे के निष्पादन में भी महारत हासिल कर चुका है. यहां नगर निगम ने शहर की चोइथराम सब्जी मंडी के बाहर करीब 7 करोड़ की लागत से महिंद्रा एंड महिंद्रा के साथ मिलकर बायो मीथेन गैस प्लांट स्थापित किया है इस प्लांट से रोज करीब 800 किलो लीटर गैस का उत्पादन होता है.
निगम को करोड़ों का फायदा
मीथेन बनाने के बाद जिस अवशिष्ट से जैविक खाद बनाई जा रही है. बाजार से सस्ता होने के कारण किसानों को बेंज दिया जाता है, जिससे मिलने वाली राशि से प्लांट का खर्च भी निकल आता है. इसके अलावा मीथेन से बसें चलाए जाने के कारण नगर निगम को हर साल करीब डेढ़ करोड़ रुपए की बचत भी हो जाती है.
नगर निगम के आयुक्त आशीष सिंह के मुताबिक इस प्लांट का काम नवंबर 2017 में शुरू हुआ था. इसके बाद से ही प्लांट नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा ही ऑपरेट भी किया जा रहा है. फिलहाल प्लांट पर महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी का अधिपत्य है जो निर्धारित शर्तों के बाद 15 साल में इंदौर नगर निगम का हो जाएगा.