इंदौर। प्रदेश की सबसे हॉट एवं प्रतिष्ठित मानी जाने वाली सांवेर विधानसभा सीट पर आखिरकार सिंधिया समर्थक और भाजपा प्रत्याशी तुलसीराम सिलावट ने रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की है. इधर जीत के तमाम दावों के बावजूद कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमचंद गुड्डू को यहां बड़ी हार का सामना करना पड़ा है.
हर राउंड में तुलसी ने मारी बाजी बीते रोज सुबह से ही इंदौर के नेहरू स्टेडियम में गहमागहमी के बीच सुबह 8 बजे से 14 टेबल पर शुरू हुई मतगणना में डाक मतपत्रों की गिनती के साथ ही तुलसी सिलावट ने पहले राउंड में 1337 वोट की बढ़त ली, इसके बाद प्रत्येक राउंड में तुलसी सिलावट ने प्रेमचंद गुड्डू को हराते हुए लगभग तमाम पोलिंग बूथों पर बढ़त बरकरार रखी. मतगणना के दौरान पूरे समय तुलसी सिलावट, जिला भाजपा अध्यक्ष राजेश सोनकर, नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे और उमेश शर्मा ने मतगणना स्थल पर ही मोर्चा संभाले रखा. इस दौरान बारी-बारी से 28 राउंड की मतगणना डाक मतपत्रों की गिनती के साथ ही तुलसी सिलावट ने लगातार हर राउंड में कांग्रेस प्रत्याशी को शिकस्त दी.
मायूसी और बधाईयों का दौर
पांचवें राउंड तक तुलसी सिलावट ने करीब 10,000 मतों की बढ़त ली इसके बाद मतगणना स्थल पर उत्साहित भाजपा नेताओं ने सिलावट को बधाई देना शुरू कर दिया. इसी दौरान जीत से उत्साहित भाजपा कार्यकर्ता मतगणना केंद्र पहुंच गए, इसके बाद 98 राउंड तक तुलसी सिलावट ने निर्णायक मत प्राप्त कर लिए.
इधर दूसरी तरफ प्रेमचंद गुड्डू समर्थकों में अपनी लगातार हार के कारण मायूसी देखी गई. इस दौरान मतगणना स्थल पर दोनों पक्षों के बीच कई बार ईवीएम की सील पैकिंग को लेकर विवाद की स्थिति बनी, जिसके कारण मतगणना का कार्य लगातार बाधित हुआ. हालांकि तुलसी सिलावट ने जीत का सिलसिला बरकरार रखा रात 1 बजे तक जारी मतगणना के अंतिम 28वें राउंड में तुलसी सिलावट ने 54,264 मतों से जीत दर्ज की अंतिम राउंड के परिणामों में सिलावट को कुल 1,29,676 वोट प्राप्त हुए, जबकि प्रेमचंद गुड्डू को 76,412 मतों से ही संतोष करना पड़ा.
कांग्रेस ने मतगणना प्रक्रिया पर उठाए सवाल
सांवेर से कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमचंद गुड्डू हालांकि मतगणना के शुरुआती दौर में नेहरू स्टेडियम नहीं पहुंचे, लेकिन उनके परिजन लगातार सुबह से ही मतों की गणना पर अपनी निगाह बनाए हुए थे, बारहवें राउंड में बूथ क्रमांक 121 कि ईवीएम में पीठासीन अधिकारी द्वारा ईवीएम का क्रमांक गलत लिख दिए जाने के कारण मतगणना अधिकारियों एवं प्रेमचंद गुड्डू की दोनों पुत्रियों के बीच विवाद हो गया. इस दौरान कई बार ऐसी स्थिति बनी की मतगणना को लेकर कांग्रेस पक्ष द्वारा दर्ज कराई गई. आपत्तियों को मतगणना अधिकारियों द्वारा खारिज किया गया. लिहाजा मौके पर ही मतगणना अधिकारियों पर कांग्रेस पक्ष के प्रतिनिधियों ने पक्षपात का आरोप लगाया. इसी दौरान भारी विरोध और नारेबाजी के चलते स्थिति ऐसी बनी कि प्रेमचंद गुड्डू के परिजनों ने मतगणना के बहिष्कार का ऐलान कर दिया. इसके बाद करीब एक घंटे तक मतगणना रोकनी पड़ी. शाम होते-होते किसी तरह फिर मतगणना शुरू हुई और शेष राउंड की गिनती के बाद तुलसी सिलावट ने 26 में राउंड तक 50 हजार से अधिक मतों की बढ़त प्राप्त कर ली हालांकि अंतिम राउंड तक तुलसी सिलावट ने कुल 53,264 मतों की लीड लेकर प्रेमचंद गुड्डू को सांवेर से सर्वाधिक मतों से हरा दिया.