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मार्च में होगी परीक्षा ऐसे करें सरस्वती पूजा, माता देंगी विद्या का वरदान

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Published : Feb 3, 2022, 5:37 AM IST

Updated : Feb 5, 2022, 10:42 PM IST

सरस्वती मां की आराधना करने के लिए इस मुहूर्त में की गई पूजा विशेष फलदाई होती है. इस दिन लोग पीले रंग का वस्त्र पहनकर देवी मां सरस्वती की पूजा करते हैं. बसंत पंचमी का दिन विद्या की अधिष्ठात्री माता सरस्वती की उपासना के साथ ही जाग्रत मुहूर्त के लिए भी जाना जाता है. ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि माता सरस्वती की आराधना के समय विद्यार्थी इन बातों का ध्यान रखें Saraswati puja basant panchami 2022. Basant panchami muhurat.

basant panchami 2022
सरस्वती पूजा

ईटीवी भारत डेस्क : इस साल 5 फरवरी को बसंत पंचमी मनाई जाएगी. इस दिन लोग विद्या की देवी सरस्वती की आराधना करते हैं. बसंत पंचमी का दिन विद्या की अधिष्ठात्री माता सरस्वती की उपासना के साथ ही जाग्रत मुहूर्त के लिए भी जाना जाता है. साल में एक दिन पड़ने वाला यह पर्व बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि बसंत पंचमी (basant panchami 2022) के बाद ही परीक्षाओं की शुरुआत होती है.

मान्यता है कि बसंत पंचमी पर शुभ मुहूर्त में मां सरस्वती की पूजा करने से ज्ञान में वृद्धि होती है और उनका आर्शीवाद प्राप्त होता है. बसंत पंचमी (basant panchami 2022) को लेकर ज्योतिषाचार्यों ने (basant panchami muhurat) बताया है कि पंचमी तिथि 5 फरवरी की रात्रि 3:50 से प्रारंभ हो जाएगी. 5 फरवरी को पूरा दिन पंचमी तिथि का मान होगा। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि पंचमी तिथि की पूजा सुबह सूर्य उदय से लेकर 9:00 बजे तक करना ही श्रेयस्कर माना जाता है क्योंकि यह सबसे उत्तम मुहूर्त होता है.

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विद्यार्थी रखें इन बातों का ध्यान

ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि माता सरस्वती की आराधना (saraswati puja rituals) करने के लिए साल में एक दिन पड़ने वाला यह पर्व बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि बसंत पंचमी के बाद ही परीक्षाओं की शुरुआत होती है. छात्र मां सरस्वती का विशेष आशीर्वाद और कृपा पाने के लिए उनका पूजन और अनुष्ठान करते हैं. कुछ बातें हैं, जिनका ध्यान रखना बेहद जरूरी है. इनमें सबसे महत्वपूर्ण यह है कि इस दिन किताब और कॉपियों को अध्ययन के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि यह माता सरस्वती की पूजा का दिन होता है.

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इस दिन ज्ञानार्जन के लिए माता की आराधना करनी चाहिए. मां को पुष्प, रोली, अक्षत अर्पित करने के बाद हाथ जोड़कर उनका ध्यान करना चाहिए. मां की आरती करने के साथ पुस्तकों की भी आरती उतारनी चाहिए. कमजोर छात्रों को माता सरस्वती की पूजा (saraswati puja rituals) करने के बाद हवन भी करना चाहिए. ऐसा करने से माता प्रसन्न होती हैं.

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Last Updated : Feb 5, 2022, 10:42 PM IST

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