इंदौर। देश का सबसे स्वच्छ शहर ने जल संरक्षण और भू-जल स्तर को सहेजने में भी बाजी मार रहा है, लिहाजा इस साल इंदौर जिले को जल संरक्षण के लिए राष्ट्रीय जल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. जल शक्ति मंत्रालय द्वारा दिए जाने वाले इन पुरस्कारों की घोषणा के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इंदौर जिले को प्रथम और गुजरात के वडोदरा एवं राजस्थान के बांसवाड़ा जिले को संयुक्त रूप से द्वितीय पुरस्कार सौंपा है.(3rd National Water Awards)
जल संरक्षण के लिए इंदौर को मिला पुरस्कार इसलिए दिया गया ये अवार्ड: इंदौर को यह अवार्ड वर्ष 2021 में जल संरक्षण और भू-जल संवर्धन के लिए किए गए कार्यों को लेकर दिया गया है, इसके लिए केंद्रीय भू-जल बोर्ड के उच्च अधिकारियों की टीम ने इंदौर जिले के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में जल संरक्षण एवं पानी के द्वारा उपयोग संबंधी कामों का अवलोकन किया था. इसके बाद इंदौर के लिए की गई अनुशंसा के फल स्वरुप यह पुरस्कार मिला है.
किए गए सराहनीय कार्य: इंदौर के दुर्जनपुरा और यशवंत सागर ग्राम पंचायत के रिजलाइन एवं ड्रेनेज लाइन ट्रीटमेंट के कामों से जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारी काफी प्रभावित हुए थे, इसके अलावा कबीटखेड़ी एसटीपी प्लांट, कनाडिया झील संरक्षण एवं भगोरा ग्राम में वाटर शेड परियोजना के अंतर्गत भूजल पुनर्भरण के काम को भी केंद्रीय दल ने उस दौरान सराहा था. इसके अलावा पुरस्कार के मूल्यांकन में इंदौर के ग्रामीण विकास विभाग की वाटर शेड विकास योजना के अंतर्गत कनाड गंभीर नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में किए गए वाटर ट्रीटमेंट कार्य सराहनीय रूप से किए गए थे.
ये रहे दूसरे स्थान पर:मनरेगा के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में पौधारोपण जिले में कैच द रेन अभियान के तहत निर्मित जल संग्रहण एवं जल पुनर्भरण कार्य का विशेष योगदान रहा था. इसके अलावा नगरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सहित कुएं एवं बावड़ी जीर्णोद्धार आदि प्रयासों का समावेश किया गया था. हाल ही में पुरस्कारों की घोषणा में इंदौर को पहला और गुजरात के वडोदरा और राजस्थान के बांसवाड़ा को संयुक्त रूप से द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया है.
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इन कामों में आगे है इंदौर:इंदौर के करीब 16000 घरों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगे हैं, जिनसे बारिश का पानी सीधे जमीन में उतरता है. इसके अलावा तालाबों के उन्नयन और गहरीकरण के साथ इंदौर जिला पंचायत द्वारा निर्मित कराए गए स्टॉप डेम चेक डैम और मनरेगा के तहत किए गए हुए एवं बावरियों का संरक्षण महत्वपूर्ण कार्य साबित हुआ. इसी प्रकार एसटीपी नेट के तहत इंदौर में खान नदी एवं सरस्वती नदी के दूषित पानी को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए शहर के 150 गार्डन में प्रतिदिन उपयोग किया जाता है, इसके अलावा रेन वाटर रोकने के लिए किए गए प्रयास से इंदौर का दावा पुरस्कार के लिए मजबूत हो सका.
सांसद एवं कलेक्टर ने प्राप्त किया पुरस्कार:मंगलवार को नई दिल्ली में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में इंदौर को मिले प्रथम पुरस्कार के फल स्वरुप इंदौर सांसद शंकर लालवानी एवं इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने यह पुरस्कार ग्रहण किए हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक भव्य समारोह में उप पुरस्कारों की घोषणा की थी, जिसके बाद आज इंदौर को यह सम्मान प्राप्त हुआ. इंदौर देश का एकमात्र ऐसा शहर है जिसे स्वच्छता के अलावा अब जल संरक्षण एवं संवर्धन के प्रयासों में भी पहला पुरस्कार मिला है.