मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / city

कोरोना की अनुग्रह राशि लेने पटवारी ने परिजनों को लगाया फोन तो, मृतक से ही हो गई बात, जानें क्या है गोलमाल

कोरोना मृतकों के परिजनों को दी जा रही राहत राशि वितरण के दौरान एक अनूठा मामला सामने आया. जन सुनवाई के दौरान इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ (a old man who die on paper)जिसमें एक जीवित व्यक्ति को मृत (collector sir tell me i alive or dead) बताकर उसके नाम अनुग्रह राशि जारी कर दी गई.

indore covid case controversy
इंदौर के सांवेर में जिंदा व्यक्ति को मृत बताया

By

Published : Feb 8, 2022, 8:22 PM IST

इंदौर। कोरोना मृतकों के परिजनों को दी जा रही राहत राशि वितरण के दौरान एक अनूठा मामला सामने आया. जन सुनवाई के दौरान इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ (a old man who die on paper)जिसमें एक जीवित व्यक्ति को मृत (collector sir tell me i alive or dead) बताकर उसके नाम अनुग्रह राशि जारी कर दी गई. मामले की खबर जब आवेदक और उसके परिजनों को लगी तो वे जिंदा को मृत बता दिए जाने के दोषी व्यक्ति पर कार्रवाई की गुहार लेकर जन सुनवाई में पहुंचे. आवेदकों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई है. कोरोना से मृत बताए गए उनके परिजन अभी जिंदा हैं उन्हें मृत बताने की कार्रवाई जिसने भी की है उस दोषी को सजा दी जाए और गलती को तुरंत सुधारा जाए.

इंदौर के सांवेर में जिंदा व्यक्ति को मृत बताया
इंदौर के सांवेर में जिंदा व्यक्ति को मृत बताया

यह है पूरा मामला

इंदौर के सांवेर क्षेत्र के रहने वाले जानकीलाल को किसी अज्ञात व्यक्ति ने कोरोना को मृत बता दिया. इसके बाद उनके छोटे बेटे अभिषेक के नाम से फर्जी दस्तावेज लगाकर कोरोना की 50 हजार की अनुग्रह राशि लेने के आवेदन भी कर दिया. ऐसे प्रकरण में तत्काल कार्रवाई करते हुए जब पटवारी ने मृतक के नाम पर जारी की गई अनुग्रह राशि सौंपने के लिए जब जानकीलाल के परिजनों को फोन लगाया गया. इस फोन से जानकीलाल के बेटों को पता चला कि उनके पिता के नाम पर कोरोना मृतकों के परिजनों को जारी की जाने वाली किसी अज्ञात ने स्वीकृत करा ली है. परिजनों ने पटवारी को इस सच्चाई के बारे में बताया तो पटवारी भी आश्चर्य में पड़ गए. जिसके बाद जानकीलाल मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंचे और खुद को जीवित बताते हुए दोषी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

अज्ञात व्यक्ति की तलाश में खंगाले जा रहे सीसीटीवी

जानकीलाल के बेटों ने बताया कि कि किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा 18 जनवरी को जानकीलाल के छोटे बेटे अभिषेक के नाम से कलेक्टर कार्यालय में फार्म जमा किया गया था. सौंपे गए दस्तावेजों में कोविड-19 रिपोर्ट, आधार कार्ड, बैंक की पासबुक सहित अन्य जरूरी कागजात भी थे. इन कागजातों के आधार पर जानकीलाल के परिजनों के लिए 50 हजार रुपए की सहायता राशि भी जारी हो चुकी है. हालांकि गनीमत यह है कि ये पैसे अभी तक किसी को सौंपे नही गए हैं. जानकारी मिलते ही जानकीलाल और परिवार हरकत में आया और जनसुनवाई में पहुंच गया. परिजनों का आरोप है कि उनके परिवार को फंसाने के लिए किसी परिचित ने ही यह साजिश रची गई है. अब आरोपी की तलाश के लिए परिजनों ने कलेक्टर कार्यालय के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाने की मांग की है.

कलेक्टर ने दिए कार्रवाई के निर्देश

मामले की गंभीरता को देखते हुए एडीएम पवन जैन ने कलेक्टर कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज देखे जाने के निर्देश दिए हैं. सामने आया है कि जानकीलाल के कोरोना से मृत होने के संबंध में 18 जनवरी को कागजात जमा किए गए थे. अब इस दिन के फुटेज देखने और अज्ञात शख्स की पहचान होने पर उसपर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details