इंदौर। हर किसी के नाम से उसकी पहचान होती है चाहे वह नाम लैला-मजनू हो, करण-अर्जुन हो, मोर-मुकुट या फिर ओम-सुंदरी ही क्यों ना हो. दरअसल हम ये इसलिए कह रहे हैं कि क्योंकि यह नाम इंदौर के चिड़ियाघर के उन दुर्लभ पक्षियों के हैं, जो अब नाम लेकर बुलाने पर चिड़ियाघर के कर्मचारियों के पास दौड़े चले आते हैं. इतना ही नहीं एशिया और अमेरिकी महाद्वीप के इन विभिन्न दुर्लभ पक्षियों को अब चिड़ियाघर में उनके नाम से ही जाना जाता है. (Kamala Nehru Zoological Park Indore) (Parrots of 30 species live in Indore Zoo)
बात भी समझकर जवाब देते हैं पक्षी:इंदौर के कमला नेहरू प्राणी उद्यान में दुनिया भर के 30 प्रजातियों के 300 से ज्यादा दुर्लभ पक्षी मौजूद हैं, जिन्हें विलुप्त होने से बचाने के लिए पक्षी विहार में आश्रय स्थल मुहैया कराया गया है. पक्षी विहार को इस तरह बनाया गया है कि यहां सभी पक्षी प्राकृतिक खुले माहौल में विचरण कर सकें, इन्हें देखने आने वाले भी उनके आसपास मौजूद है. यहां पर पक्षियों के पसंदीदा भोजन और पूरे परिसर में उन्हें उनमुक्त रूप से उड़ने और बैठने के लिए प्राकृतिक आश्रय स्थल भी हैं, जहां ब्राजील से लाया गया मकाउ तोता, कैलिफोर्निया का कुवैल, कन्नूर बोकादू पजरीगर कोकाटील ट्वीलस आदि सुंदरतम पक्षी हैं. चिड़ियाघर लाए जाने के बाद चिड़ियाघर और पक्षी विहार के कर्मचारियों से सारे तोते एवं अन्य प्रजातियों के पक्षी इतने हिल मिल गए हैं कि अब उनके एक आवाज लगाने से पास में चले आते हैं और उनकी बात भी समझते हैं और जवाब भी देते हैं. इसके अलावा कई पक्षी कर्मचारियों का कहना भी मानते हैं, लिहाजा सुंदर प्राणियों का संवाद देखकर यहां आने वाले सैलानी भी पक्षियों का व्यवहार देखकर आश्चर्य में पड़ जाते हैं.
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