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ग्वालियर में माफिया बेलगाम: चंबल नदी और सोनचिरैया अभ्यारण की 5 करोड़ से ज्यादा की वन संपदा बेची, उड़नदस्ते की जांच में हुआ खुलासा

ग्वालियर चंबल अंचल में माफिया बेलगाम होते जा रहे हैं, जिसके तहत इस बार माफिआओं ने चंबल नदी और सोनचिरैया अभ्यारण के जंगलों से करीब 5 करोड़ से अधिक कीमत की वन संपदा को बेच दिया है. (Gwalior Chambal Zone Mafia) (Son Chiraiya Sanctuary Sand Stone Smuggling)

Son Chiraiya Sanctuary Sand Stone Smuggling
ग्वालियर 5 करोड़ रुपये की रेत पत्थर की तस्करी

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Published : Jul 14, 2022, 6:32 PM IST

Updated : Jul 14, 2022, 10:29 PM IST

ग्वालियर।मध्य प्रदेश के मुखिया सीएम शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में माफियाओं पर लगाम लगाने का दावा कर रहे हैं, लेकिन ग्वालियर चंबल अंचल में अभी भी माफिया बेलगाम हैं. यही वजह है कि ग्वालियर चंबल संभाग में अवैध उत्खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है, माफिया नदी और वन संपदा को लगातार नुकसान पहुंचाने में लगे हुए हैं. सबसे हैरत की बात यह है कि जिन पर जंगलों की रक्षा करने की जिम्मेदारी है, वही इसे रोकने में नाकाम साबित हो रहे हैं. इस बात का खुलासा खुद फॉरेस्ट विभाग की स्थिति ऐप के उड़न दस्ते की जांच में हुआ है, जिसके बाद इस मामले में मुरैना के तत्कालीन डीएफओ अमित बसंत निगम, डीएफओ देवेंद्र सिंह, रंजन सिंह और डिप्टी रेंजर वनरक्षक पत्र दिया है. (Gwalior Chambal Zone Mafia) (Son Chiraiya Sanctuary Sand Stone Smuggling)

ग्वालियर में माफिया बेलगाम

सबसे ज्यादा चंबल नदी हुई छलनी: जंगल की रखवाली वनों की सुरक्षा के दावे ही करते रहे और माफियाओं ने चंबल नदी अभ्यारण सोनचिरैया अभ्यारण और आरक्षित जंगलों से 31478.43 घन मीटर वन संपदा निकाल कर बाजार में बेच दी, जिसकी कीमत लगभग 4 से 5 करोड़ रुपए बताई जा रही है. यह खुलासा उत्खनन की शिकायतों के बाद बनाई गई उड़न दस्ते की जांच में हुआ है, जांच में पता लगा है कि माफियाओं ने सबसे ज्यादा चंबल नदी को छलनी किया है. राजघाट पुल पर सैकड़ों की संख्या में माफिया लगातार अवैध रेत का उत्खनन कर रहे हैं, लेकिन पुलिस प्रशासन और वन विभाग गहरी नींद में सोया हुआ है.

मामले पर राजनीति शुरू:हाल ही में ग्वालियर के सोनचिरैया अभ्यारण की डंडाखिरक और जखोदि में मिले अवैध फर्शी पत्थर खनन पर वनरक्षक और डिप्टी रेंजर को आरोप पत्र दिया गया है, विभागीय जांच में दोषी पाए जाने पर अफसर और स्टाफ के वेतन से राशि की कटौती की जाएगी. जांच में टीम ने फर्शी पत्थर और चंबल नदी से निकाली गई रेत की कीमत लगभग 4 करोड़ आंकी है, वहीं सोनचिरैया अभ्यारण क्षेत्र के जखोदी बीट में 11 नए गड्डों के लिए जंगल की सफाई जेसीबी से हुई है. इस दौरान पेड़ काटे और जंगल की मिट्टी आदि चीजों को नुकसान पहुंचा, यह करीब 992.75 घन मीटर बताया जा रहा है. फिलहाल इस मामले को लेकर नेता राजनीति करने में लग गए है.

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माफिया ने यहां कर डाला खनन:
- चंबल नदी में शिवपुर सब लकड़ी के बीच के घाटों से रेत का अवैध उत्खनन हुआ, यह उत्खनन बड़ोदिया घाट, राजोरेडी घाट, दांतरदा घाट, ऊंचाखेड़ा घाट, ख़िरख़िरी घाट, बरौली घाट, नदीघाट, मांडू की सांड पर वन विभाग के स्टाफ की मिलीभगत से अवैध रेत निकाली गई, जहां से लगभग दो करोड़ राशि का नुकसान हुआ.
- मुरैना जिले की शनिचरा बीट और मवई बीट में अवैध उत्खनन कक्ष क्रमांक की पी-15, पी-16 ,32 ,28 और 30 में हुआ.
- ग्वालियर सोनचिरैया अभ्यारण घाटीगांव की गेमरेंज में आने वाले डंडाखिरक का वन कक्ष क्रमांक 434, 435 और 436 से अवैध फर्शी पत्थर निकाला गया, वहीं जखोदी के वन कक्ष क्रमांक 431 से 11 गड्ढों में नया उत्खनन मिला.

कांग्रेस ने सरकार को घेरा:ग्वालियर चंबल अंचल में हो रहे अवैध उत्खनन को लेकर कांग्रेस की लगातार सरकार को घेरने का काम कर रही है, कांग्रेस नेता आरपी सिंह का कहना है कि "ग्वालियर चंबल अंचल में सरकार की मदद से माफिया बेलगाम हैं, चंबल में इन माफियाओं के आगे प्रशासन पूरी तरह असहाय हो गया है." बहरहाल ग्वालियर और मुरैना वन मंडल के क्षेत्र के जंगल की जांच उड़नदस्ता से कराई गई है, जिसमें चंबल नदी में रेत शनिचरा और सोनचिरैया अभ्यारण में अवैध उत्खनन मिला है. आरोप पत्र बनकर बन मंडल को पहुंचा दिए गए हैं, ऐसे में अब जांच में मुरैना के तत्कालीन डीएफओ सहित एसडीओ रेंजर और ग्वालियर के वन रक्षक से लेकर रेंज तक शामिल हैं.

Last Updated : Jul 14, 2022, 10:29 PM IST

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