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PNDT एक्ट के तहत तीन डॉक्टरों कोर्ट ने सुनाई 3-3 साल की सजा - नई सड़क

शहर के हुरावली, दर्पण कॉलोनी और नई सड़क पर चल रहे क्लीनिक पर पीसी एवं पीएनडीटी एक्ट के उल्लंघन के मामले में कोर्ट नें तीन साल की सजा और 3-3 हजार का जुर्माना लगाने की सजा सुनाई है.

जिला न्यायालय - ग्वालियर

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Published : Aug 26, 2019, 6:55 PM IST

Updated : Aug 26, 2019, 7:23 PM IST

ग्वालियर।10साल पुराने एक भ्रुण परिक्षण के मामले में कोर्ट ने ग्वालियर के तीन डॉक्टरों को सजा सुनाई है. दिल्ली की एक सामाजिक संस्था 'बेटी बचाओ' के सदस्यों के स्टिंग आपरेशन के जरिए ये मामला सामने आया था.

पीएनडीटी एक्ट के उल्लंघन में कोर्ट में सुनाई सजा
संस्था के लोगों ने 4 मई 2009 को शहर के अलग- अलग इलाकों में चल रहे क्लीनिक में स्टिंग ऑपरेशन किया था, जिसमें डॉ एसके श्रीवास्तव, डॉ सुषमा त्रिवेदी, डॉ संध्या तिवारी और डॉ प्रदीप सक्सेना के क्लीनिक पर स्टिंग ऑपरेशन कर उन्हें ढाई से तीन हजार रुपए में भ्रुण परिक्षण के लिए तैयार कर लिया था. सदस्यों ने इसकी वीडियोग्राफी भी किया था और सीडी कलेक्टर को सौंपा दी थी.


तत्कालीन कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के जरिए चारों चिकित्सकों के खिलाफ जिला न्यायालय में परिवाद दायर किया था. जिसमें उन्हें पीसी एवं पीएनडीटी एक्ट के उल्लंघन का आरोपी बनाया गया था.


मामले में 10 साल बाद कोर्ट नें तीन डॉक्टरों को तीन हजार का जुर्माना और तीन साल की जेल से दंडित किया है. मामले में डॉ एसके श्रीवास्तव और डॉक्टर संध्या तिवारी के खिलाफ नर्सिंग होम एक्ट उल्लंघन की भी कार्रवाई की गई, जिसमें पंजीयन नहीं होने पर उन पर पांच- पांच हजार रुपए का जुर्माला लगाया गया है.


डॉ एसके श्रीवास्तव का हुरावली, संध्या तिवारी का दर्पण कॉलोनी और सुषमा त्रिवेदी का नई सड़क में क्लीनिक चल रहा था.

Last Updated : Aug 26, 2019, 7:23 PM IST

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