ग्वालियर। महाराष्ट्र के एक परिवार से 17 साल पहले एक युवक अचानक लापता हो गया. जिसकी तलाश परिजनों ने 12 साल तक की, लेकिन नहीं मिलने पर मृत मानकर पांच साल पहले तेरहवीं कर दी. जिंदगी की इस कहानी में एक दिलचस्प मोड़ आया है, जिस परिवार ने इस युवक की 17 साल बाद तेरहवीं की थी, वह अब उन्हें जिंदा मिल गया है. साल 2005 में अमरावती से गायब हुए रानू के जिंदा होने की खबर उसके घरवालों काे मिली. पता चला कि ग्वालियर में गुढ़ागुढ़ी का नाका स्थित संस्था स्वर्ग सदन में वह रह रहा है.
परिवार से मिलकर भावुक हुए रानू
रानू के जिंदा होने की जानकारी मिलते ही सोमवार की शाम परिजनों के साथ रानू का 23 साल का बेटा सुनील ग्वालियर पहुंचा. जब रानू लापता हुआ, उस समय बेटे की उम्र महज 6 साल थी. 17 साल बाद जब अपने पिता के सामने बेटा सुनील तान्या आया तो उसकी आंखों से आंसू बहने लगे. वहीं रानू को देखते ही उनके परिवार के लोगों की आंखों से खुशी के आंसू छलक आए. स्वर्ग सदन आश्रम के संचालक विकास गोस्वामी ने बताया कि रानू उन्हें 5 जून 2020 को रेलवे स्टेशन पर मिले थे. वह ज्यादा कुछ बता नहीं पा रहे थे, उन्हें मिर्गी के दौरे भी पड़ते थे. इसके बाद उन्हें आश्रम ले आए, वहां रानू का इलाज शुरू कराया.
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साथ कर दी गई पिता-पुत्र की तेरहवीं
रानू तान्या महाराष्ट्र के अमरावती के नवलगांव थाने इलाके के चिखलद में रहते थे. रानू तान्या पेशे से किसान हैं, वह खेतों में मेहनत-मजदूरी करते थे. रानू के घर में मां पुनिया, 4 छोटे भाई है. बेटे सुनील ने बताया कि पिता जब गुम हुए थे, उस समय वह 6 साल का था. उसने बताया कि पिता एक दिन अचानक रात को कहीं चले गए, उसके बाद आसपास के इलाकों, जंगलों के साथ अमरावती सहित महाराष्ट्र के कई हिस्सों के साथ मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में तलाश की गई. उस समय पिता का मानसिक संतुलन ठीक नहीं था, पिता के दुख में अप्रैल 2017 में दादा का निधन हुआ. उनकी तेरहवीं की साथ ही पिता रानू की तेरहवीं संस्कार भी कर दिया गया.
गूगल मैप की मदद से रानू को मिला घर
स्वर्ग सदन आश्रम के काउंसलर कुलदीप ने बताया कि रानू की मानसिक स्थिति अब थोड़ी ठीक है और वह कई बार नवलगांव बोलता रहता है. इसके बाद हमने गूगल मैप के जरिए नवलगांव इलाके की तलाश शुरू कर दी. 6 महीने की कड़ी मेहनत के बाद नवलगांव के आसपास के गांव के कुछ मोबाइल नंबर सर्च किये, तो कुलदीप का संपर्क महाराष्ट्र के राहू गांव में मोबाइल शॉप चलाने वाले संदीप घुमारे से हुआ. कुलदीप ने संदीप के मोबाइल फोन पर रानू के कुछ फोटो भेजे, उसके बाद संदीप ने रानू के फोटो आप-पास के क्षेत्र में सोशल मीडिया के जरिये वायरल कर दिए. रानू का एक रिश्तेदार नानकराम संदीप के पास ही थे, संदीप ने रानू का फोटो नानकराम को दिखाया तो उसने पहचान लिया कि यह तो रानू हैं. उसके बाद ग्वालियर में स्वर्ग सदन आश्रम से संपर्क किया और रानू को लेने के लिए उसका बेटा सपरिवार सोमवार की शाम ग्वालियर पहुंचे और वहां से रानू को घर ले गए. रानू के बेटे सुनील ने बताया कि पिता को पाकर बहुत खुश हैं और उसको जीवन में सब कुछ मिल गया है.