ग्वालियर। कोरोना वायरस से देश में 21 दिन का लॉकडाउन है, इस लॉकडाउन से सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना उन लोगों को करना पड़ रहा है, जो अपने घर से दूर दूसरी जगहों पर फंसे हुए हैं, तो रेलवे बंद होने की वजह से रेलवे के कर्मचारियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में रेलवे अपने कर्मचारियों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए पैसेंजर ट्रेनों के खाली कोचों से उन्हें उनके गृह नगर पहुंचा रही है.
लॉकडाउन में स्टेशनों पर फंसे रेलवे कर्मचारी, इस तरह पहुंचाए जा रहे घर
लॉकडाउन से रेलवे के कर्मचारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, कई कर्मचारी रेलवे स्टेशनों पर फंसे हुए हैं, जिन्हें अब रेलवे पैसेंजर गाड़ियों को खाली डिब्बों के जरिए उनके मेन स्टेशन तक पहुंचा रहा है, जिन्हे पूरी जांच के बाद जिला प्रशासन उनके घरों तक छोड़ रहा है.
इसी कड़ी में यशवंतपुर हजरत निजामुद्दीन राजधानी एक्सप्रेस से 119 रेलवे कर्मचारी और वेटरों को झांसी से ग्वालियर स्टेशन पहुंचाया गया. जहां उनका हेल्थ चेकअप करने के साथ ट्रैवल रिकॉर्ड भी दर्ज किया गया. इसके बाद उन्हें घर भेजा गया. इससे पहले 26 मार्च को भी 900 से अधिक रेलवे कर्मचारियों को राप्ती सागर एक्सप्रेस से ग्वालियर पहुंचाया गया था.
मामले पर झांसी रेल मंडल के पीआरओ मनोज कुमार के अनुसार ये वो कर्मचारी थे जो स्टेशन पर फंसे हुए थे. जिसके चलते पैसेंजर ट्रेनों के खाली कोचों के माध्यम से उन्हें उनके स्थान पर पहुंचाया जा रहा है. बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने पर स्थानीय प्रशासन द्वारा भी ग्वालियर स्टेशन पर उन सभी के लिए बसों का इंतजाम किया गया. जिससे वे अपने-अपने घरों तक पहुंच सके. ग्वालियर पहुंचने वाले इन इन कर्मचारियों में बड़ी संख्या में भिंड, मुरैना और ग्वालियर के लोग शामिल हैं. लेकिन बड़ा सवाल है कि यह है कि इन कर्मचारियों की पूरी जांच होनी चाहिए.